बंजर जमीन से भी बन सकते हैं लखपति, जल्द शुरू करें हरे सोने की खेती

बांस को यूं ही 'हरा सोना' नहीं कहा जाता. यह घास की प्रजाति का पौधा है, जो बहुत कम पानी में भी बढ़ जाता है. खास बात यह है कि बांस 5 गुना ज्यादा कार्बन डाईऑक्साइड सोखने की ताकत रखता है.

बंजर जमीन से भी बन सकते हैं लखपति, जल्द शुरू करें हरे सोने की खेती
नई दिल्ली | Published: 26 Apr, 2025 | 12:42 PM

कई किसान आज भी अपनी बंजर जमीन को बेकार समझकर खाली छोड़ देते हैं. लेकिन जरा सोचिए, अगर वही जमीन आपको लाखों की कमाई करा दे तो? जी हां, अब बंजर भूमि भी आपकी किस्मत बदल सकती है. सरकार भी लगातार किसानों को ऐसे मौके दे रही है. बिना ज्यादा लागत लगाए, आप बांस की खेती शुरू कर सकते हैं और सालों-साल फसल काटकर अच्छी कमाई कर सकते हैं.

एक बार लगाएं और सालों तक करें कमाई

बांस की खासियत यह है कि इसे एक बार लगाने के बाद कई सालों तक बार-बार काटा और बेचा जा सकता है. देशभर के किसान अब इसे बंपर मुनाफे का सौदा मान रहे हैं. बिहार के भागलपुर जिले के कहलगांव इलाके में कई किसान बांस की खेती से शानदार कमाई कर रहे हैं. यहां 50 एकड़ जमीन पर बड़े पैमाने पर बांस उगाया जा रहा है, और किसान लाखों रुपये सालाना कमा रहे हैं.

हर जगह उगता है बांस

भारत के कई इलाके ऐसे हैं जो पहाड़ी या पठारी होने के कारण पारंपरिक खेती के लिए अनुकूल नहीं हैं. वहां अनाज या सब्जियां उगाना कठिन होता है. लेकिन बांस उन इलाकों में भी खूब फलता-फूलता है. ऐसे इलाकों में किसान बांस लगाकर हर साल अच्छी खासी आमदनी कर रहे हैं. अगर आपके पास भी कोई बंजर या अनुपयोगी जमीन है, तो बांस की खेती आपके लिए एक सुनहरा मौका हो सकता है.

बांस को क्यों कहते हैं ‘हरा सोना’

बांस को यूं ही ‘हरा सोना’ नहीं कहा जाता. यह घास की प्रजाति का पौधा है, जो बहुत कम पानी में भी बढ़ जाता है. खास बात यह है कि बांस 5 गुना ज्यादा कार्बन डाईऑक्साइड सोखने की ताकत रखता है. एक साल में लगभग 1000 टन CO₂ को सोख लेता है, जो की ग्लोबल वार्मिंग में मददगार है. बांस की जड़ें मिट्टी को भी मजबूती से पकड़कर रखती हैं, जिससे कटाव नहीं होता. यही वजह है कि पर्यावरण बचाने में भी बांस का बड़ा योगदान है.

सरकारी मदद से बढ़ रहा है बांस उत्पादन

सरकार भी बांस की खेती को बढ़ावा दे रही है. मध्य प्रदेश के मंडला जिले में “एक जिला-एक उत्पाद” योजना के तहत बांस की खेती को प्राथमिकता दी गई है. सरकारी मदद मिलने के बाद से अब किसान बांस की खेती की ओर कदम बढ़ा रहे हैं. हालांकि, शुरुआत में थोड़ी लागत जरूर आती है, लेकिन 4-5 साल तक बिना ज्यादा खर्च के अच्छी कमाई होती रहती है. अब तो किसान खेतों की मेड़, नदियों और तालाबों के किनारे भी बांस के पौधे लगाने लगे हैं.

बांस से कमाएं कई तरह से पैसा

बांस का इस्तेमाल फर्नीचर बनाने से लेकर घरों की सजावट, टोकरी, चटाई, कागज और ढेरों चीजों में होता है. दूसरे पेड़ों की तुलना में बांस से लगभग 10 गुना ज्यादा प्रोडक्ट बनाए जा सकते हैं. यही वजह है कि इसकी मांग हमेशा बनी रहती है, और किसान कमाई के नए रास्ते खोल सकते हैं.

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