छत्तीसगढ़ में धान के किसान हुए खुश, सरकारी खरीद ने बनाया नया रिकॉर्ड
छत्तीसगढ़ में चालू खरीफ सीजन में समर्थन मूल्य योजना के तहत किसानों से 149 लाख टन से अधिक धान की खरीद की गई है. यह 2023-24 के 144.92 लाख टन के पिछले रिकॉर्ड से अधिक है. राज्य के गठन के बाद अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है.

छत्तीसगढ़ में चालू खरीफ सीजन में समर्थन मूल्य योजना के तहत किसानों से 149 लाख टन से अधिक धान की खरीद की गई है. यह 2023-24 के 144.92 लाख टन के पिछले रिकॉर्ड से अधिक है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों के अनुसार, यह राज्य के गठन के बाद से अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है. इस खरीद के साथ ही किसानों के चेहरे खिल गए हैं. माना जा रहा है कि यह खरीद किसानों के लिए आय बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है.
धान की खरीद एमएसपी की सफलता
यह उपलब्धि राज्य की कृषि नीतियों और किसानों को दी जा रही एमएसपी की सफलता को दर्शाती है. छत्तीसगढ़ में इस खरीफ सत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के तहत रिकॉर्ड 149.25 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है. इसमें विभिन्न प्रकार के धान की खरीदी इस प्रकार हुई:
मोटा धान: 81.98 लाख मीट्रिक टन
पतला धान: 10.75 लाख मीट्रिक टन
सरना धान: 56.52 लाख मीट्रिक टन
किसानों को 31,089 करोड़ रुपये का भुगतान
अधिकारियों के अनुसार छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान की खरीदी की गई. इस दौरान राज्य के 25.49 लाख पंजीकृत किसानों ने अपनी उपज बेची. धान खरीदी के एवज में किसानों को 31,089 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है, जिससे उन्हें आर्थिक मजबूती मिली है. साथ ही यह ऐतिहासिक उपलब्धि राज्य की कृषि योजनाओं की सफलता की तरफ भी इशारा करती है.
किस जिले में कितनी खरीद
महासमुंद जिला 11.04 लाख मीट्रिक टन की खरीद के साथ पहले नंबर पर है.
दूसरे नंबर पर बेमेतरा जिला है जहां पर 9.38 लाख मीट्रिक टन की खरीद हुई.
इसके बाद बलौदा बाजार-भाटापारा जिला है जहां पर 8.56 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया.
नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में सबसे कम 3.34 लाख क्विंटल की खरीद रिकॉर्ड हुई.
समय पर होगा किसानों को भुगतान
छत्तीसगढ़ सरकार ने इस खरीफ सत्र में 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी की है. खाद्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, धान खरीदी के साथ ही कस्टम मीलिंग के लिए तेजी से उठाव किया जा रहा है. अब तक 123 लाख मीट्रिक टन धान के उठाव के आदेश जारी किए गए हैं, जिनमें से 103 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव पहले ही हो चुका है. सरकार की इस पहल से धान का तेजी से प्रसंस्करण सुनिश्चित किया जा रहा है, जिससे किसानों को समय पर भुगतान और भंडारण की बेहतर सुविधा मिल सके.
क्या हैं पिछले साल के आंकड़ें
छत्तीसगढ़ में पंजीकृत 4,102 राइस मिलों के माध्यम से धान का निरंतर उठाव किया जा रहा है. इससे धान का तेजी से प्रसंस्करण और भंडारण सुनिश्चित किया जा रहा है. पिछले वर्ष (2023-24) में राज्य में 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी, जबकि इस वर्ष यह आंकड़ा 149.25 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है. छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदने और 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान करने का वादा किया है. यह नीति किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और कृषि क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.