सरकार से गुस्साए नासिक में प्याज के किसान, उतरेंगे प्रदर्शन पर!
हर साल नासिक जिले से भारी मात्रा में प्याज का निर्यात किया जाता है. 20 फीसदी निर्यात शुल्क से विदेशी बाजार तक इसकी पहुंच कम हो गई है. इस वजह से यहां के किसानों में असंतोष बढ़ता रहा है.

प्याज की गिरती कीमतों की वजह से महाराष्ट्र के किसानों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं. सरकार से उन्होंने अपील की है कि प्याज पर लगे निर्यात शुल्क को खत्म किया जाए. सरकार की तरफ से क्या फैसला किया जाएगा, इस पर अभी सिर्फ कयास ही लगाए जा रहे हैं. वहीं किसानों के बीच असंतोष बढ़ता जा रहा है. इस बात की भी आशंका है कि प्याज के किसान बड़े स्तर पर प्रदर्शन की शुरुआत कर सकते हैं. व्यापारिकों की मानें तो प्याज की वजह से वो इस समय उन्हें बड़े संकट की तरफ हैं.
किसानों में बढ़ रहा असंतोष
साकाल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार लासलगांव बाजार समिति के चेयरमैन बालासाहेबा क्षीरसागर ने इस बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि हर साल नासिक जिले से भारी मात्रा में प्याज का निर्यात किया जाता है. 20 फीसदी निर्यात शुल्क से विदेशी बाजार तक इसकी पहुंच कम हो गई है. इस वजह से यहां के किसानों में असंतोष बढ़ता रहा है. बालासाहेब का कहना था कि प्रशासन को अब इस बात की चिंता है कि प्याज की निलामी बंद होने से असंतुष्ट किसान सड़क जाम कर सकते हैं. साथ ही बड़े प्रदर्शन पर उतर सकते हैं.
केंद्र सरकार तुरंत ले एक्शन
उन्होंने कहा कि प्याज के दाम लगातार गिर रहे हैं. इसकी वजह से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. केंद्र सरकार को इस पर तुरंत एक्शन लेना चाहिए. साथ ही एक्सपोर्ट ड्यूटी को तत्काल प्रभाव से रद्द करना चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर किसानों का प्रदर्शन तेज हो जाएगा. नाशिक के तहत आने वाला लासलगांव एक महत्वपूर्ण प्याज उत्पादक क्षेत्र है जहां का लाल प्याज काफी मशहूर है. बाजार कमेटी के चेयरमैन बालासाहेब की तरफ से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण, शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार से प्याज को लेकर निर्यात शुल्क को खत्म करने की अपील की गई है.
किसानों के और नुकसान की आशंका
प्याज की आपूर्ति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. इस वजह से प्याज का औसत थोक मूल्य 14 फरवरी को 3,100 रुपये प्रति क्विंटल से घटकर मार्च को 2,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. क्षीरसागर ने कहा कि औसत थोक प्याज की कीमत में और गिरावट आ सकती है और मतलब किसानों के लिए और नुकसान होगा. इसलिए, शुल्क हटाने से निर्यात और बाजार में प्याज की मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे औसत थोक मूल्य को स्थिर करने में मदद मिलेगी.