महाराष्ट्र की थोक मंडियों में प्याज की नई फसल महंगी, 15 मार्च के बाद कीमतों में गिरावट!
प्याज की नई फसल की शुरुआती कीमत 2500 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है. जबकि पिछले साल इसी समय पर कीमत 1500 रुपये प्रति क्विंटल थी यानी इसमें 1000 रुपये का इजाफा हुआ है. मजबूत मांग के चलते कीमतों में वृद्धि हुई है.

पिछले साल तक प्याज की कीमतों ने न केवल आम जनता बल्कि किसानों को भी परेशान किया हुआ था. वहीं अब इस साल प्याज की फसल अच्छी हुई है और इस वजह से फसल की कीमत में भी काफी इजाफा हुआ है जिससे किसान खुश है. प्याज की नई फसल की शुरुआती कीमत 2500 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है. जबकि पिछले साल इसी समय पर कीमत 1500 रुपये प्रति क्विंटल थी यानी इसमें 1000 रुपये का इजाफा हुआ है. विशेषज्ञों का कहना है कि मजबूत मांग के चलते कीमतों में वृद्धि हुई है.
क्या है फसल महंगी होने की वजह
वेबसाइट नागपुर ट्रेंड्स ने कलमना थोक बाजार में कंडा बटाटा आदित्य वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष गौरव हरडे के हवाले से लिखा है कि निर्यात में वृद्धि और बाकी देशों से मजबूत मांग के कारण इस साल शुरुआती कीमतों में 60 फीसदी का इजाफा हुआ है. उन्होंने बताया कि प्याज दो तरह का होता है, लाल और सफेद. जहां लाल प्याज महाराष्ट्र के खामगांव, अकोट और बेदापुर से मंगाया जा रहा है और कलमना थोक बाजार में रोजाना औसतन 25 से 30 ट्रक आ रहे हैं. वहीं, सफेद प्याज गुजरात के भावनगर से मंगाया जा रहा है और रोजाना करीब 10 ट्रक आ रहे हैं.
15 मार्च के बाद गिरेंगी कीमतें
थोक बाजार में लाल प्याज की कीमत 25 से 30 रुपये प्रति किलो है, जबकि सफेद प्याज की कीमत 20 रुपये प्रति किलो है. ये कीमतें प्याज की गुणवत्ता पर निर्भर करती हैं. नतीजतन, गुजरात से बड़ी मात्रा में आपूर्ति होने के कारण लाल प्याज की कीमतें वर्तमान में सफेद प्याज की कीमतों से ज्यादा हैं. व्यापारियों को उम्मीद है कि 15 मार्च के बाद प्याज की कीमतों में कमी आएगी क्योंकि बाजार में प्याज की सप्लाई बढ़ने की संभावना है. उन्होंने कहा कि इस सीजन में उत्पादन सामान्य है और उपज की गुणवत्ता अच्छी है.
इस साल सस्ता रहेगा प्याज!
शुक्रवार को एक रिपोर्ट में कहा गया था कि प्याज की बंपर फसल और इसकी लुढ़कती कीमतों की वजह से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. कृषि मंत्रालय की तरफ से भी रबी सीजन की कुछ खास फसलों की बुवाई से जुड़ें आंकड़ें जारी किए गए हैं. इन आंकड़ों पर अगर यकीन करें तो इस बार प्याज की बुवाई के साथ ही इसके रकबे में बढ़ोतरी की बात कही गई है. इससे संकेत मिल रहा है कि इस साल प्याज का बंपर उत्पादन होने की संभावना है. बुवाई क्षेत्र में वृद्धि के चलते इस साल प्याज की कीमतों में भारी गिरावट आ सकती है.