धान की फसल पर हो सकता है ब्राउन प्लांट होपर का हमला, ऐसे करें बचाव
इस मौसम में धान की फसल पर ब्राउन प्लांट होपर का हमला हो सकता है, जो फसल को बर्बाद कर सकता है.

खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान की कटाई का समय नजदीक आ गया है और अगले 20-25 दिनों में अधिकांश राज्यों में कटाई शुरू हो जाएगी. लेकिन इस दौरान भी किसान को अपनी फसल के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है, वरना पूरे सीजन की मेहनत पर पानी फिर सकता है.
पूसा के वैज्ञानिकों ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए बताया है कि इस मौसम में धान की फसल पर ब्राउन प्लांट होपर का हमला हो सकता है, जो फसल को बर्बाद कर सकता है. इसलिये जरूरी है कि किसान खेत में जाकर पौधों के निचले हिस्से में मच्छर जैसे कीटों का निरीक्षण करें. अगर कीटों का प्रकोप अधिक हो, तो इमिडाक्लोप्रिड @ 0.3 मिली प्रति लीटर की दर से, आसमान साफ होने पर छिड़काव करें.
तना छेदक कीट
इस मौसम में तना छेदक कीट पाए जाते हैं. ऐसे में इनकी निगरानी के लिए फेरोमोन ट्रैप का उपयोग किया जा सकता है. एक एकड़ में 4-6 ट्रैप लगाए जा सकते हैं. यदि प्रकोप ज्यादा हो, तो करटाप दवाई 4% दानों की दर से 10 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़कें. कीटनाशक का इस्तेमाल केवल तब करें जब बहुत जरूरी हो, और धान की कटाई से कम से कम 20 दिन पहले स्प्रे न करें.
कीटों से बचाने के देसी तरीके
कीटों की रोकथाम के लिए आप लाइट ट्रैप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए एक प्लास्टिक के टब या बर्तन में पानी और थोड़ा कीटनाशी मिलाकर रात में एक बल्ब जलाकर खेत में रख दें. कीट लाइट की ओर आकर्षित होकर उसी घोल में गिरकर मर जाएंगे. इस ट्रैप की मदद से विभिन्न प्रकार के हानिकारक कीट मारे जाएंगे.
मिर्च के संक्रमित पौधों का क्या करें?
इस मौसम में मिर्च, बैंगन और फूलगोभी के पौधों पर फल छेदक, शीर्ष छेदक एवं डायमंड बैक मोथ का प्रकोप हो सकता है. निगरानी के लिए फेरोमोन ट्रैप 4-6 प्रति एकड़ लगाए और अगर प्रकोप ज्यादा हो तो स्पिनोसेड दवाई 1.0 मिली/4 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.
मिर्च और टमाटर के खेतों में विषाणु रोग से प्रभावित पौधों को उखाड़ कर जमीन में गाड़ दें. अगर प्रकोप अधिक हो तो इमिडाक्लोप्रिड @ 0.3 मिली प्रति लीटर की दर से छिड़काव करें.
मटर और सरसों की बुवाई
इस मौसम में आप उन्नत किस्म की अगेती मटर ‘पूसा प्रगति’ की बुवाई कर सकते हैं. बीजों को कवकनाशी केप्टान या थायरम @ 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से उपचारित करें. इसके बाद राइजोबियम का टीका बीज पर अवश्य लगाएं. गुड़ को पानी में उबालकर ठंडा करें, फिर राइजोबियम को बीज के साथ मिलाकर उपचारित करें और सूखने के लिए छायादार जगह पर रखें.
अगले दिन बुवाई करें. सरसों की अगेती बुवाई के लिए पूसा सरसों-25, पूसा सरसों-26, पूसा सरसों-28, पूसा अग्रणी, पूसा तारक और पूसा महक जैसे बीजों का इस्तेमाल करें.