आखिर ऐसा क्या है आंध्र प्रदेश की लाल मिर्ची में जो चीन भी है इसका दिवाना
चीन दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मिर्च उत्पादक है लेकिन साल 2017-18 से यह भारत पर निर्भर हो गया है. अब चीन लाल मिर्च का सबसे बड़ा आयातक बन गया है.

आंध्र प्रदेश में लाल मिर्ची की खेती करने वाले किसान इन दिनों खबरों में हैं. अंतरराष्ट्रीय बाजार में मिर्च की मांग कम होने के चलते यहां की मिर्ची का ‘तीखापन’ भी कम हो गया है. ऐसे में किसान मुसीबत में हैं और फसल की लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं. आंध्र प्रदेश के मिर्च निर्यात का एक बड़ा हिस्सा चीन, कोलंबो, बांग्लादेश और इंडोनेशिया को जाता है. वहीं यहां की लाल मिर्च की चीन में भारी मांग है. आखिर ऐसा क्या है आंध्र प्रदेश की इस मिर्च में जो चीन भी इस पर फिदा है. शायद ही लोगों को मालूम हो कि आंध्र प्रदेश के गुंटूर की लाल मिर्च को जीआई टैग मिला हुआ है और यह मिर्च चीन की फेवरिट है.
इस वजह से है चीन को पसंद
चीन में अगर कोई भी सिचुआन डिश ऑर्डर करें तो इस बात की पूरी संभावना है कि इसका मसालेदार स्वाद गुंटूर मिर्च की वजह से ही आएगा. चीन दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मिर्च उत्पादक है लेकिन साल 2017-18 से यह भारत पर निर्भर हो गया है. अब चीन लाल मिर्च का सबसे बड़ा आयातक बन गया है. चीनी अपनी मिर्च की तुलना में भारत की तीखी और ज्यादा तीखी मिर्च पसंद करते हैं. गुंटूर की मिर्च बड़ी मात्रा में चीन को निर्यात की जाती है और गुंटूर को ‘भारत का मिर्च शहर’ के रूप में जाना जाता है. चीन, भारतीय मिर्च का एक प्रमुख आयातक है. इसकी वजह है गुंटूर मिर्च का तीखा स्वाद जो चीन को काफी पसंद है.
भारतीय मिर्च की मांग दोगुनी
हाल के कुछ सालों में चीन की भारतीय मिर्च की मांग दोगुनी हो गई है. ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ (ODOP)के तहत, आंध्र प्रदेश के गुंटूर ने अपनी मशहूर मिर्च को अपना सिग्नेचर प्रोडक्ट घोषित किया था. इसका मकसद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए संसाधनों का लाभ उठाया जा सके. राज्य के बाकी 29 और जिलों ने भी ऐसा ही किया था. कहा जाता है कि नई दुनिया का पौधा मिर्च 1498 में वास्को डी गामा के साथ कालीकट में भारत आया था. सौ साल बाद, मिर्च की केवल तीन किस्में गोवा तक पहुंच पाई थीं.
आंध्र प्रदेश में सबसे ज्यादा उत्पादन
आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा मिर्च उत्पादक और निर्यातक है और यहां लगभग दो दर्जन किस्में पाई जाती हैं. भारत का करीब 40 फीसदी मिर्च उत्पादन आंध्र प्रदेश से आता है, जो एशिया के सबसे बड़े मिर्च व्यापार बाजार गुंटूर मिर्ची यार्ड का घर है. साल 2019-20 में, अकेले आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में करीब 640 मिलियन डॉलर मूल्य का मिर्च निर्यात हुआ. पिछले कुछ सालों में मिर्च के निर्यात में 25 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा हुआ है. 610 हजार टन से अधिक मिर्च का निर्यात किया गया है.
बाकी राज्य कर रहे प्रयोग
गुंटूर की सफलता से प्रेरित होकर, एक दर्जन और जिलों ने अपनी मिर्च की किस्मों को अंतिम ओडीओपी लिस्ट में जोड़ा गया था. इससे गुंटूर के ब्रांड की विशिष्टता खत्म होने का खतरा पैदा हो गया. इनमें अरुणाचल प्रदेश के तवांग और शि योमी से लेकर असम के तिनसुकिया (जहां की तीखी भुत जोलोकिया का घर है), महाराष्ट्र के खरगोन और मणिपुर के कामजोंग तक शामिल हैं. पड़ोसी तेलंगाना के दो जिले – भद्राद्री कोठागुडेम और मुलुगु – ने भी गुंटूर की मिर्च के साथ प्रतिस्पर्धा करने का फैसला किया. तेलंगाना की मिर्च और आंध्र प्रदेश की मिर्च में कोई खास अंतर नहीं था.