क्या है दोमट मिट्टी की खूबियां, किन फसलों को उगाने में आती है काम, जानें सबकुछ
दोमट मिट्टी को जलोढ़ मिट्टी या कछार मिट्टी भी कहते हैं. दोमट मिट्टी एक ऐसी उपजाऊ मिट्टी जो कि रेत, गाद और मिट्टी के मिश्रण से तैयार होती है. इस मिट्टी को खेती और बागवानी के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है.

किसी भी फसल के अच्छे उत्पादन के लिए उसे जरूरी पोषक तत्व देने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करना भी बेहद जरूरी है कि उस फसल को लगाने के लिए उपयुक्त मिट्टी का इस्तेमाल किया गया हो. जिस तरह अलग-अलग फसलों को अलग-अलग पोषक तत्वों की जरूरत होती है, ठीक उसी तरह हप फसल के लिए मिट्टी का चुनाव भी करना जरूरी होता है. हर तरह की मिट्टी में फसल की उपज नहीं हो सकती है. वैसे तो मिट्टी कई तरह की होती हैं जैसे- पीट मिट्टी, लवणीय मिट्टी, शुष्क मिट्टी,लाल मिट्टी, काली मिट्टी आदि. लेकिन हम आज बात करने वाले हैं दोमट मिट्टी की , साथ ही बात करेंगे किन फसलों के लिए यह मिट्टी सबसे उपयुक्त है.
क्या है दोमट मिट्टी
दोमट मिट्टी को जलोढ़ मिट्टी या कछार मिट्टी भी कहते हैं. दोमट मिट्टी एक ऐसी उपजाऊ मिट्टी जो कि रेत, गाद और मिट्टी के मिश्रण से तैयार होती है. इस मिट्टी को खेती और बागवानी के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह मिट्टी पोषक तत्वों से भरपीर होती है. इसके साथ ही यह मिट्टी पानी को भी जल्द सोखती है जिससे फसलों में नमी बनी रहती है. इस मिट्टी से जल की निकासी भी समय रहते हो जाती है ताकि ज्यादा पानी फसल की जड़ो तक पहुंच कर नुकसान न पहुंचाए.
दोमट मिट्टी की खासियत
दोमट मिट्टी में पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं जो कि पौधों के लिए बेहद ही जरूरी होतो हैं. इस मिट्टी में ह्यूमस जैसे जैविक पदार्थ भी शामिल होते हैं जो मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने में मदद करता है. दोमट मिट्टी खेती और बागवानी के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त मानी जाती है. इसके साथ ही इसकी एक और खासियत यह है कि इसका उपयोग नींव बनाने के लिए भी किया जा सकता है. घरों के निर्माण में भी यह मिट्टी कारगर साबित हो सकती है.
इन फसलों के लिए उपयुक्त है दोमट मिट्टी
दोमट मिट्टी को कई फसलों के लिए उपयुक्त माना जाता है. जैसे गेहूं, गन्ना, कपास, जूट, दालें, तिलहन, सब्जियां आदि . इसके साथ ही कुछ और फसलें भी हैं जिसी बुवाई के लिए दोमट मिट्टी उपयुक्त है जैसे- चावल, मक्का, रागी और आलू आदि. बता दें कि दोमट मिट्टी मुख्य तौर पर दक्षिणी राजस्थान के जिलों में पाई जाती है जैसे- डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर और चित्तौड़गढ़.