प्राकृतिक खेती के लिए सरकार का बड़ा कदम, किसानों को मिलेगी राहत
राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के तहत सरकार की कोशिश है कि किसानों को प्राकृतिक संसाधन मुहैया कराए, ताकि इन संसाधनों की मदद से किसान अपनी फसलों की गुणवत्ता में सुधार कर सकें.

सरकार ने किसानों की मदद के लिए एक अहम कदम उठाया है. राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के तहत, अब खेती को रासायनिक खादों से मुक्त करके प्राकृतिक तरीके से किया जाएगा. इस मिशन का लक्ष्य है किसानों को सस्ती, सुरक्षित और लाभकारी खेती को रास्ते पर लाना, जिससे ना सिर्फ मिट्टी की सेहत बेहतर हो, बल्कि फसलों की गुणवत्ता भी बढ़े. तो आइए जानते हैं सरकार की इस स्कीम के बारे में हर एक जरूरी बात.
क्या है राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन
राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन की शुरुआत 25 नवंबर 2024 को की गई थी. इस मिशन का मकसद किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए बढ़ावा देना है, इसके साथ ही इस मिशन की मदद से किसानों को खेती में आने वाली लागत को भी कम करने में मदद मिलेगी और किसानों को खुद से नेचुरल खाद बनाने और उसके इस्तेमाल के बारे में जाररूक किया जाएगा ताकि किसान खेती के लिए बाहरी संसाधनों पर ज्यादा निर्भर न रहें.
मिशन का उद्देश्य
सरकार ने राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के लिए साल 2025-26 तक 2,481 करोड़ रुपये का बजट रखा है. साल 2026 तक इस मिशन को 15000 ग्राम पंचायतों तक लागू किया जाएगा. प्राकृतिक खेती से मिट्टी की स्थिति में सुधार होगा, मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ेगी.
इस मिशन का उद्देश्य 1 करोड़ किसानों तक पहुंचना और 7.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती शुरू करना है. साथ ही उन इलाकों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां पहले से ही किसान, स्वयं संगठन समूह (SHG), प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां(PACS) और किसान उत्पादक संगठन (FPO )मौजूद हैं.
राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (#NMNF) का उद्देश्य सतत और रसायन-मुक्त खेती को बढ़ावा देना है, जिससे फसलों की गुणवत्ता सुधरे और खेती की लागत में कमी आए।
प्राकृतिक संसाधनों के समुचित उपयोग और कृषि-पशुपालन के समन्वय से यह मिशन किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को समग्र रूप से… pic.twitter.com/ARUNn51e4P
— Agriculture INDIA (@AgriGoI) April 10, 2025
बेहतर पर्यावरण की ओर एक कदम
राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के तहत सरकार की कोशिश है कि किसानों को प्राकृतिक संसाधन मुहैया कराए जा सकें, ताकि इन संसाधनों की मदद से किसान अपनी फसलों की गुणवत्ता में सुधार कर सकें. फसलों में केमिकल खाद का इस्तेमाल कम कर प्राकृतिक खाद का इस्तेमाल बढ़ाया जा सके और मिट्टी की उपजाऊ क्षमता भी बढ़े. इस मिशन की मदद से पानी को भी संरक्षित किया जा सकेगा साथ ही खेती करने में पशुपालन को भी बढ़ावा मिलेगा. प्राकृतिक खेती की मदद से किसानों की फसलें तो बेहतर होंगी ही बल्कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी दूर होंगी.