सरकार की मदद से ‘Banana Powder’ बना हिट, अब कई राज्यों में है मांग
कई किसान पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर केले के पेड़ के रेशों से भी प्रोडक्ट तैयार कर अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचा रहे हैं.

मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में केले की खेती इसे एक खास पहचान दिलाती है. इस जिले में बड़े पैमाने पर केले का प्रोडक्शन होता है, जिसकी आपूर्ति कई शहरों में की जाती है. एक जिला-एक प्रोडक्ट (ODOP) योजना में शामिल होने के चलते बुरहानपुर के किसानों को नई संभावनाएं मिली हैं. इस योजना से किसानों को आर्थिक लाभ हो रहा है, जिससे जिले में इनोवेशन और आन्त्रप्रेन्योरशिप को बढ़ावा मिल रहा है.
फेस्टिवल से नई संभावनाएं
हर साल बुरहानपुर में “बनाना फेस्टिवल” आयोजित होता है, जहां किसान और आन्त्रप्रेन्योर अपने अनुभव शेयर करते हैं. इस पहल का असर अब जिलेभर में दिखने लगा है. कई किसान पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर केले के पेड़ के रेशों से भी प्रोडक्ट तैयार कर अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचा रहे हैं. बुरहानपुर के ही एक युवा आन्त्रप्रेन्योर, ऋतिश अग्रवाल ने इसी दिशा में एक नई शुरुआत की है.
केले से बनने वाले तीन तरह के पाउडर
ऋतिश ने जिला प्रशासन और उद्यानिकी विभाग की सहायता से केले से Banana Powder बनाने की यूनिट शुरू की है. यह यूनिट खकनार के धाबा गांव में स्थित है, जहां वे “Bananify” ब्रांड के तहत पाउडर तैयार कर रहे हैं. यह पाउडर बच्चों और बड़ों, दोनों के लिए स्वास्थ्यवर्धक है.
3 प्रकार के पाउडर बना रहे हैं
- खाने योग्य पाउडर: जो केले के गूदे से बनता है और प्राकृतिक व उच्च गुणवत्ता का होता है.
- फाइबर युक्त पाउडर: केले और उसके छिलकों से तैयार किया जाता है, जो पोषण से भरपूर होता है.
- खाद के लिए पाउडर: जो केले के छिलकों से बनाया जाता है और खेती में उर्वरक के रूप में उपयोग किया जाता है.
उद्योग के लिए सरकारी सहायता
ऋतिश की इस यूनिट को शुरू करने में लगभग ₹75 लाख की लागत आई, जिसमें उन्हें “प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना” (PM-FME) के तहत ₹10 लाख की सब्सिडी प्राप्त हुई. उन्होंने अपनी यूनिट में अत्याधुनिक मशीनों का उपयोग किया है, जिससे प्रोडक्टन प्रक्रिया तेज और कुशल हो गई है.
देशभर में पहुंच रहा है “Bananify” ब्रांड
आज “Bananify” के प्रोडक्ट मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली सहित कई राज्यों में बेचे जा रहे हैं. इनके 250 ग्राम पैक की कीमत ₹280 और 500 ग्राम पैक की कीमत ₹480 रखी गई है. इसके अलावा, केले के छिलकों को बेकार समझकर फेंकने के बजाय खाद बनाने में इस्तेमाल किया जा रहा है.