ड्रैगन फ्रूट बेचकर हर महीने लाखों कमाते हैं राजस्थान के रामकुमार यादव
मार्च 2022 में, राम ने ड्रैगन फ्रूट की खेती पर एक खास ट्रेनिंग प्रोग्राम में हिस्सा लिया. यहां से उनकी सफलता के रास्ते खुले. ICAR-KVK के विशेषज्ञों की मदद से उन्होंने अपने खेत पर 0.4 हेक्टेयर की एक यूनिट लगाई.

राजस्थान के मध्य में, जहां शुष्क भूभाग पारंपरिक खेती के लिए चुनौतियां बना हुआ है, वहां पर एक किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती से लाखों कमा रहे हैं. यहां के जयपुर जिले के दादर बावड़ी के राम कुमार यादव ने ड्रैगन फ्रूट की खेती में मिसाल कायम की है. उनकी सफलता खेती में नए तरीकों के प्रयोग, कड़ी मेहनत और सामुदायिक समर्थन की शक्ति का जीता-जागता सबूत है. राम कुमार यादव ने इस फल की खेती करके आसपास के किसानों को भी प्रोत्साहित किया है.
कैसे मिली इसकी खेती की प्रेरणा
साल 2022 में राम की सस्टेनेबल खेती में रुचि ने उन्हें ICAR-कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से जुड़ने के लिए प्रेरित किया. इन वैज्ञानिकों ने उन्हें ड्रैगन फ्रूट की क्षमता के बारे में बताया. यह एक ऐसा उष्णकटिबंधीय सुपरफूड जो अपने पोषण संबंधी फायदों और बाजार मूल्य के लिए जाना जाता है. इसकी कठोर प्रकृति और कम पानी की जरूरतों को पहचानते हुए, राम कुमार को भी इसकी खेती करने की प्रेरणा मिली.
मार्च 2022 में अटेंड किया प्रोग्राम
मार्च 2022 में, राम ने ड्रैगन फ्रूट की खेती पर एक खास ट्रेनिंग प्रोग्राम में हिस्सा लिया. यहां से उनकी सफलता के रास्ते खुले. ICAR-KVK के विशेषज्ञों की मदद से उन्होंने अपने खेत पर 0.4 हेक्टेयर की एक यूनिट लगाई. इसमें 1,320 एलिस रेड ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाए. इन पौधों को रणनीतिक रूप से 330 सीमेंटेड पोल द्वारा सहारा दिया गया. करीब तीन लाख रुपये का निवेश करके, उन्होंने ड्रिप सिंचाई प्रणाली, समय पर छंटाई और पोषक तत्व प्रबंधन सहित उन्नत कृषि पद्धतियों को अपनाया. साथ ही KVK वैज्ञानिकों से निरंतर मार्गदर्शन हासिल किया.
राजस्थान सरकार ने किया सम्मानित
जुलाई 2024 तक राम को अपनी मेहनत का फल मिलना शुरू हो गया था. हर पौधे से उन्हें 10 से 12 प्रभावशाली फल मिलने लगे. हर फल को 60 से 70 रुपये में बेचकर, उन्होंने कुछ ही महीनों में करीब 1.8 लाख रुपये कमा लिए. अक्टूबर 2024 के अंत तक उनका फायदा 1.5 लाख रुपये तक पहुंच गया था.
ड्रैगन फ्रूट की खेती में मिली सफलता की वजह से उन्हें राजस्थान सरकार के कृषि विभाग की तरफ से ‘डिस्ट्रिक्ट इनोवेटिव फार्मर’ की उपाधि से सम्मानित किया गया. इस पुरस्कार के साथ उन्हें 25,000 रुपये का नकद पुरस्कार भी दिया गया. उनकी सफलता ने बाकी स्थानीय किसानों को भी ऐसा ही करने के लिए प्रेरित किया है. इससे इस क्षेत्र में ड्रैगन फ्रूट की खेती में रुचि की एक नई लहर पैदा हुई है.