कबाड़ घर को ईको फार्म में बदला..खूब आ रहे सैलानी, ग्रामीणों को रोजगार भी मिला

गुलमोहर ईको रिसॉर्ट, जो अब जैविक खाना, ग्रामीण अनुभव और बुंदेली संस्कृति के कारण देशभर के सैलानियों को आकर्षित कर रहा है.

कबाड़ घर को ईको फार्म में बदला..खूब आ रहे सैलानी, ग्रामीणों को रोजगार भी मिला
लखनऊ | Updated On: 19 Apr, 2025 | 07:06 PM

बुंदेलखंड का इलाका अक्सर सूखा और पथरीली जमीन से घिरा होता है. यहां पानी की भारी कमी रहती है और गर्मियों में यह इलाका बहुत वीरान सा लगता है. एक समय था, जब लोग यहां आने से कतराते थे, लेकिन अब इस इलाके में एक ऐसी जगह बन गई है, जहां सैलानी दूर-दूर से आते हैं. यह जगह है गुलमोहर ईको रिसॉर्ट, जिसे एक आर्किटेक्ट इंजीनियर, दीपक गुप्ता ने बनाया है. दीपक ने कोविड के दौरान अपने घर की पुरानी चीजों से एक नया सपना देखा. उन्होंने अपने कबाड़ हो चुके घर को एक ईको फार्म हाउस में बदल डाला. यह फार्म हाउस आज एक आकर्षक ईको रिसॉर्ट में तब्दील हो चुका है, जहां न केवल आराम मिलता है, बल्कि यहां की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को भी आकर्षित करती है. इसके इतने आकर्षक होने की वजह क्या है? चलिए जानते हैं.

जापानी तकनीक का इस्तेमाल

यह रिसॉर्ट बांदा जिले के नरैनी तहसील में स्थित है, जो मध्य प्रदेश की सीमा के पास है. यहां केन नदी के पास स्थित नहरी गांव, जंगल और पहाड़ों से घिरा हुआ है. दीपक गुप्ता ने यहां जापानी तकनीक का इस्तेमाल किया और खेत में घना जंगल तैयार किया, जिससे यहां की जमीन और पर्यावरण दोनों को लाभ हुआ.

प्राकृतिक स्वाद और मनोरंजन का अद्भुत संगम

गुलमोहर ईको रिसॉर्ट में आने वाले सैलानी शुद्ध जैविक तरीकों से उगाई गई ताजे फल और सब्जियों का स्वाद लेते हैं. यहां के स्विमिंग पूल और ओपन एयर थिएटर में सैलानी अपना समय बिता सकते हैं, साथ ही बुंदेलखंड के पारंपरिक लोकगीत और नृत्य का भी आनंद उठा सकते हैं.

यहां बैल गाड़ी पर सैलानी करते हैं सफर

सुबह और शाम उन्हें बैल गाड़ी पर बैठाकर गांव के आसपास घुमाया जाता है. यहां की मीठी बुंदेली भाषा और वेशभूषा विदेशियों को बहुत पसंद आती है. वे बुंदेलखंड के इतिहास को जानकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं.

Eco Park

ग्रामीणों को मिल रहा रोजगार

दीपक बताते हैं कि यहां पर आने वाले पर्यटकों को गांव की चीजे बहुत पसंद आती हैं, जैसे आम का अचार, देसी दालें और मोटे अनाज. इस वजह से यहां मोटे अनाज का भी मार्केट बढ़ा है. सरकार भी मोटे अनाज को उपजाने के लिए जोर दे रही है.

पक्षियों की चहचहाहट से होती है गुड मॉर्निंग

रिसॉर्ट के आसपास का वातावरण बहुत शुद्ध है और यहां पक्षियों का संरक्षण किया जा रहा है. सैलानी सुबह-सुबह ताजे ऑक्सीजन का आनंद लेने के लिए मॉर्निंग वॉक और योगा करने आते हैं. यहां की ताजगी और शांति सैलानियों को एक अलग अनुभव देती है.

Published: 19 Apr, 2025 | 03:06 PM

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