ऊन की दुनिया में है इन भेड़ों का राज, पशुपालकों की होती है खूब कमाई

ऊन उत्पादन के लिए भेड़ों का पालन खूब किया जाता है, जबकि इनके दूध और मांस की भी खूब मांग रहती है. कुछ खास नस्ल की भेड़े बढ़िया और ज्यादा ऊन उत्पादन के लिए जानी जाती हैं. यह किसानों के लिए कमाई का बढ़िया जरिया होती हैं.

ऊन की दुनिया में है इन भेड़ों का राज, पशुपालकों की होती है खूब कमाई
Noida | Updated On: 29 Mar, 2025 | 07:52 PM

Sheep Farming: आपके गर्म स्वेटर की शुरुआत किसी पहाड़ी या सूखी ज़मीन पर चरती भेड़ों से होती है. ऊन का कारोबार भेड़ों की खास नस्लों पर चलता है. सही नस्ल चुनने से पशुपालकों को अच्छा मुनाफा मिलता है, क्योंकि इनकी ऊन बाजार में अच्छी कीमत पर बिकती है. आइए, जानते हैं उन भेड़ों के बारे में, जो ऊन उत्पादन में सबसे आगे हैं.

ऊन की रानी है मेरिनो भेड़

मेरिनो भेड़ ऊन के लिए बहुत मशहूर है. यह नस्ल स्पेन से आई है, लेकिन भारत में भी इसे खूब पाला जाता है. यह ठंडी और गर्म, दोनों जलवायु में रह सकती है. इसकी ऊन बारीक, मुलायम और मज़बूत होती है, जिसकी बाजार में अच्छी कीमत मिलती है. नर मेरिनो भेड़ों के सींग घुमावदार होते हैं, लेकिन मादा में सींग नहीं होते. एक मेरिनो भेड़ साल में 5 से 9 किलो ऊन देती है. इसकी ऊन से स्वेटर, शॉल और अच्छे गर्म कपड़े बनते हैं.

राजस्थान की चौकला भेड़

चौकला भेड़ राजस्थान के चुरू, झुंझुनू और सीकर जिलों में पाई जाती है. यह गर्म जलवायु में भी आसानी से रहती है. इसकी ऊन मज़बूत होती है और गर्म कपड़ों के लिए अच्छी मानी जाती है. चौकला भेड़ का रंग सफेद होता है और चेहरा हल्का भूरा या काला. इनमें सींग नहीं होते. मादा का वजन 22 से 32 किलो और नर का वजन 30 से 40 किलो होता है. यह साल में 2 से 3 किलो ऊन देती है.

मिक्स ब्रीड भेड़

अविवस्त्र भेड़ मेरिनो और चौकला नस्लों का संकर है. इसे मिक्स ब्रीड भेड़ भी कहा जाता है. खासतौर पर ऊन के लिए तैयार किया गया है. इसकी ऊन मेरिनो की तरह मुलायम और चौकला की तरह मज़बूत होती है. इसका वजन तेजी से बढ़ता है. छह महीने में यह 10 से 12 किलो और एक साल में 20 से 23 किलो तक पहुंच जाती है. यह साल में 2.5 किलो ऊन देती है.

इस भेड़ के ऊन से बनती है कालीन

अविकालीन नस्ल की भेड़ ऊन उत्पादन के मामले में किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. इसका ऊन बेहद पतला और मुलायम होता है, जो कालीन बनाने के लिए आदर्श माना जाता है. इसकी ऊन से तैयार किए गए कालीनों की बाजार में अच्छी कीमत मिलती है. एक अविकालीन भेड़ से सालाना 2 किलो से अधिक ऊन प्राप्त होती है, जिससे किसान मुनाफा कमा सकते हैं. ऊन की बढ़िया क्वालिटी और इसकी ऊंची मांग इसे भेड़ पालकों के लिए फायदेमंद नस्ल बनाती है.

ये नस्लें क्यों खास हैं?

मेरिनो, चौकला, अविवस्त्र और अविकालीन भेड़ें ऊन उत्पादन में किसानों के लिए बहुत फायदेमंद हैं. मेरिनो की ऊन बारीक और मुलायम होती है, चौकला की ऊन मज़बूत होती है, अविवस्त्र की ऊन दोनों खूबियों को मिलाती है, और अविकालीन की ऊन भी अच्छी क्वालिटी की होती है. इनकी ऊन से बने कपड़े बाजार में अच्छी कीमत पर बिकते हैं. सही नस्ल चुनकर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

Published: 30 Mar, 2025 | 09:05 AM

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