जानें क्या है बर्ड फ्लू? जिससे इन 9 राज्यों के लोग हो जाएं अलर्ट
बर्ड फ्लू का संक्रमण मुख्य रूप से जंगली पक्षियों से शुरू होता है, खासकर जलपक्षियों से. संक्रमित पक्षी अपने मल, लार या नाक से वायरस फैला सकते हैं.

भारत में बर्ड फ्लू (एवियन इंफ्लूएंजा) का प्रकोप तेजी से फैलने लगा है. इस बीमारी के कारण पोल्ट्री फार्मों को भारी नुकसान पहुंच रहा है और अब तक नौ राज्यों में इसका असर देखा गया है. इन राज्यों में झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, मध्य प्रदेश, बिहार और कर्नाटका शामिल हैं.
झारखंड के रांची जिले में इस वायरस के फैलाव को रोकने के लिए करीब 5,500 पक्षियों को मार दिया गया. महाराष्ट्र के लातूर, नांदेड़, नागपुर, ठाणे और रायगढ़ जैसे जिलों में भी कई पक्षी मारे गए और 7,000 से अधिक पक्षियों को जान से हाथ धोना पड़ा. आइए जानते हैं क्या है बर्ड फ्लू? जिससे सावधान रहने की है जरुरत.
बर्ड फ्लू क्या है?
बर्ड फ्लू एक वायरस से फैलने वाली बीमारी है, जो खासतौर पर पक्षियों को प्रभावित करती है. यह H5N1 वायरस के कारण होता है और दूषित पानी, भोजन या संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से फैलता है. यह पक्षियों में फैलने के साथ ही कभी-कभी इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है.
बर्ड फ्लू कैसे शुरू हुआ?
बर्ड फ्लू का संक्रमण मुख्य रूप से जंगली पक्षियों से शुरू होता है, खासकर जलपक्षियों से. संक्रमित पक्षी अपने मल, लार या नाक से वायरस फैला सकते हैं. जब स्वस्थ पक्षी इन चीजों के संपर्क में आते हैं, तो वे भी संक्रमित हो जाते हैं.
H5N1 और इसका इतिहास
H5N1 वायरस 1997 में हांगकांग में पहली बार पाया गया था. इसके बाद, यह कई देशों में फैला और लाखों पक्षियों की मौत हुई. यह वायरस समय-समय पर बदलता रहता है, जिससे यह और खतरनाक हो सकता है. हालांकि बर्ड फ्लू मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करता है, लेकिन संक्रमित पोल्ट्री के संपर्क में आने या अधपका मांस खाने से इंसानों में भी संक्रमण हो सकता है.
बर्ड फ्लू के दौरान प्रभावित पक्षियों को क्यों न खाएं?
चिकन और अंडे खाने से बचें– संक्रमित इलाकों में चिकन और अंडे खाने से बचें. कच्चे या अधपके चिकन का सेवन न करें, हमेशा अच्छी तरह से पकाएं. इसके साथ ही पोल्ट्री फार्म जाने से बचें और अगर जाएं तो साफ-सफाई का ध्यान रखें.
सरकारी कदम- सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमित पक्षियों को मारने और वायरस को फैलने से रोकने के लिए कदम उठाए हैं. अगर आप प्रभावित राज्यों में रहते हैं, तो सतर्क रहें और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें.