तेजी से बढ़ने वाली 5 मुर्गी नस्लें, अंडा और मांस दोनों में जबरदस्त कमाई
अगर आप मुर्गी पालन शुरू करना चाहते हैं, तो यह जानना जरूरी है कि कौन-सी नस्ल आपके उद्देश्य के लिए सबसे बेहतर साबित होगी. कुछ नस्लें अंडा उत्पादन के लिए ज्यादा उपयुक्त होती हैं, तो कुछ मांस के लिए.

मुर्गी पालन आज के समय में एक फायदेमंद बिजनेस बन चुका है. चाहे अंडों का उत्पादन करना हो या मांस के लिए मुर्गी पालनी हो, सही नस्ल का चुनाव करना बहुत जरूरी होता है. अगर आप मुर्गी पालन शुरू करना चाहते हैं, तो यह जानना जरूरी है कि कौन-सी नस्ल आपके उद्देश्य के लिए सबसे बेहतर साबित होगी. कुछ नस्लें अंडा उत्पादन के लिए ज्यादा सही होती हैं, तो कुछ मांस के लिए. वहीं, कुछ नस्लें ऐसी भी होती हैं, जो दोनों उद्देश्यों के लिए अच्छी मानी जाती हैं. आइए जानते हैं मुर्गी पालन के लिए सबसे बेहतरीन 5 नस्लों के बारे में.
कड़कनाथ
कड़कनाथ नस्ल अपने काले रंग के मांस के लिए जानी जाती है. यह मुख्य रूप से मध्य प्रदेश में पाई जाती है और इसकी खासियत यह है कि इसके मांस में वसा (फैट) कम और प्रोटीन ज्यादा होता है. यही कारण है कि इसे बाजार में ऊंची कीमत पर बेचा जाता है और इसका पालन किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. कड़कनाथ मुर्गी कठोर जलवायु में भी सर्वाइव कर सकती है और इसे बीमारियां कम होती हैं, जिससे इसे पालना आसान हो जाता है.
वायानाड
वायानाड एक बेहतरीन देसी नस्ल मानी जाती है, जो देहाती और ग्रामीण इलाकों में अच्छी तरह पाली जा सकती है. यह कम लागत में तेजी से बढ़ती है और अच्छा अंडा उत्पादन भी करती है. इसकी खासियत यह है कि यह कम देखभाल में भी अच्छे परिणाम देती है और इसके अंडे और मांस दोनों की बाजार में अच्छी मांग होती है.
लेगहॉर्न
अगर आप सिर्फ अंडा उत्पादन के लिए मुर्गी पालना चाहते हैं, तो लेगहॉर्न सबसे बेहतरीन नस्ल मानी जाती है. यह नस्ल सालभर में 280 से 320 तक अंडे देने की क्षमता रखती है. यह मुर्गी हल्की होती है और ज्यादा चारा नहीं खाती, जिससे इसे पालना सस्ता पड़ता है. यही कारण है कि व्यावसायिक स्तर पर अंडा उत्पादन करने वाले किसान इस नस्ल को प्राथमिकता देते हैं.
रोड आइलैंड रेड
अंडा और मांस दोनों उद्देश्यों के लिए रोड आइलैंड रेड एक बेहतरीन नस्ल है. यह मजबूत नस्ल मानी जाती है, जो विपरीत परिस्थितियों में भी अच्छी तरह सर्वाइव कर सकती है. यह साल में 200 से 250 तक अंडे देती है और इसका मांस भी अच्छा होता है. अगर कोई किसान ऐसा व्यवसाय करना चाहता है, जिसमें उसे अंडों और मांस दोनों का लाभ मिले, तो यह नस्ल सबसे उपयुक्त हो सकती है.
असिल
असिल भारतीय मूल की एक और प्रसिद्ध नस्ल है, जिसे पारंपरिक मुर्गी पालन के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यह नस्ल रोग प्रतिरोधक क्षमता में बहुत मजबूत होती है और देसी मुर्गीपालन के लिए एक शानदार विकल्प मानी जाती है. हालांकि, इसकी वृद्धि की गति धीमी होती है, लेकिन इसका मांस बाजार में ऊंची कीमत पर बिकता है, जिससे यह एक लाभदायक नस्ल साबित हो सकती है.