खरगोश पालन से कमाएं लाखों रुपए, जानिए सफल व्यवसाय की पूरी प्रक्रिया
एक मादा खरगोश हर महीने 2 से 6 बच्चे पैदा कर सकती है. ज्यादा खरगोश यानि बिजनेस में ज्यादा मुनाफा.

देश में पशुपालन की पुरानी परंपरा है. पशुपालन में खरगोश पालन को एक लाभदायक बिजनेस माना जाता है. खरगोश को आमतौर पर मांस, चमड़ा, ऊन, साइंटिफिक रिसर्च और मनोरंजन के लिए पाला जाता है. भारत में यह बिजनेस लंबे समय से किया जा रहा है और देश की जलवायु इसके लिए अनुकूल मानी जाती है.
खरगोश पालन का फायदा
- कम जगह और कम खर्च: खरगोश छोटे आकार के होते हैं. खरगोश को पालने के लिए कम जगह और कम चारे की जरूरत होती है.
- घर में भी पालन संभव: पालन के लिए अलग से जगह की जरूरत नहीं भी हो तो इन्हें छत, आंगन, फार्म या घर के पिछले हिस्से में आसानी से पाला जा सकता है.
- तेजी से बढ़ते हैं: मुर्गियों की तरह, खरगोश भी तेजी से बढ़ते हैं. महज 4-5 महीनों में बाजार के लिए तैयार हो जाते हैं.
- सस्ता आहार: खरगोशों को पालना इसलिए भी आसान है कि इन्हें बची हुई सब्जियां, आसपास की हरी पत्तियां और खुद उगाए गए अनाज खिलाकर खर्च कम किया जा सकता है.
- तेज प्रजनन: एक मादा खरगोश हर महीने 2 से 6 बच्चे पैदा कर सकती है. इससे इनकी संख्या तेजी से बढ़ती है. ज्यादा खरगोश यानि बिजनेस में ज्यादा मुनाफा.
- बेरोजगार के लिए अवसर: ग्रामीण परिवेश में महिलाएं इसे गाय-भैंस के साथ रख सकती हैं. बेरोजगार युवा भी खरगोश पालन को बिजनेस के रूप में अपना सकते हैं.
खरगोश पालन से जुड़ी जरूरी बातें
अच्छी नस्ल के खरगोश
पालन के सबसे जरूरी बात कि स्वस्थ और अच्छी नस्ल के खरगोशों का चयन करना चाहिए. इन्हें सरकारी संस्थानों या प्रमाणित फार्म से खरीदना उचित रहता है. ध्यान रहे प्रजनन के लिए 5 मादा खरगोशों पर 1 नर खरगोश होना चाहिए.
पालने के लिए पिंजरा
खरगोशों को 18” x 24” x 12” आकार के पिंजरों में रखा जाता है. इन पिंजरों को दो स्तरों में बनाया जा सकता है.
गर्भधारण और बच्चे
मादा खरगोश की गर्भावस्था 30-32 दिनों की होती है. बच्चे के जन्म से 3-4 दिन पहले पिंजरे में एक छोटा बक्सा रखा जाता है, जिसमें मादा खरगोश खुद के बाल नोचकर घोंसला बनाती है. वह दिन में सिर्फ एक बार बच्चों को दूध पिलाती है. जिसके बाद बच्चे 3-4 हफ्तों में बाहर निकलकर खाना शुरू कर देते हैं. फिर इन्हें 6-7 हफ्तों में मां से अलग किया जा सकता है. एक मादा खरगोश साल में 5 बार बच्चे दे सकती है.
खान-पान और देखभाल
खरगोश लगभग हर तरह की हरी सब्जियां, अनाज और रसोई का बचा हुआ खाना खा सकते हैं, जैसे गाजर, गोभी के पत्ते आदि. इससे उनके शरीर को अधिक पोषक तत्व मिलते हैं. वहीं खरगोशों पर बीमारियों का असर बहुत कम होता है, लेकिन सही देखभाल न की जाए तो ये आंखों में संक्रमण, छींकने, गर्दन टेढ़ी होने या पिछले पैरों में घाव जैसी समस्याओं से ग्रस्त हो सकते हैं. खरगोश का साधारण दवाओं से इलाज किया जा सकता है.