ओंगोल गाय.. आंध्र प्रदेश की देसी ताकत ने दुनिया को चौंकाया

आंध्र प्रदेश की ओंगोल गाय का दमदार जलवा, देसी ताकत और शानदार दूध उत्पादन से दुनिया भर में छाई.

ओंगोल गाय.. आंध्र प्रदेश की देसी ताकत ने दुनिया को चौंकाया
नोएडा | Updated On: 12 Apr, 2025 | 06:27 PM

आंध्र प्रदेश की मिट्टी से निकली एक ऐसी गाय, जिसने न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों में भी अपनी धाक जमाई. ये है ओंगोल नस्ल, जो अपनी ताकत, सुंदरता और दूध की मिठास के लिए मशहूर है. क्या है इस देसी गाय की कहानी? आइए जानते हैं.

ओंगोल का गौरव, दुनिया की नजर में

प्रकाशम जिले के छोटे से गांव ओंगोल से शुरू हुई ये नस्ल आज आंध्र के कई जिलों में छाई हुई है. चित्तूर, कुरनूल, कड्डपा से लेकर खम्मम तक, ये गायें और बैल किसानों का गर्व हैं. इतना ही नहीं, पूर्वी अफ्रीका और मैक्सिको में भी इनकी तूती बोलती है.

ऐसा रंग-रूप, जो दिल जीत ले

इस गाय की बात करें तो इसका सफेद चमकता रंग, चौड़ा माथा, काली चमकती आंखें और बड़े-बड़े कान इसे खास बनाता है. इसके अलावा बैलों के सिर पर गहरे भूरे निशान और गायों के पतले, मुड़े हुए सींग उनकी शान बढ़ाते हैं. इतना ही नहीं इसकी पूंछ लंबी और सिरे पर काला गुच्छा होता है. जैसे की मानो प्रकृति ने इन्हें सजाया हो.

दूध की धारा, किसानों की कमाई

ओंगोल गाय सिर्फ दिखने में ही सुंदर नहीं, बल्कि दूध देने में भी कमाल है. देखा जाए तो हर ब्यांत में यह गाय औसतन 800 लीटर दूध देती है, वो भी 3.79 फीसदी फैट के साथ. यानी, किसानों की जेब में सीधा मुनाफा. इसके बच्चे देनी की बात करें तो यह 3.5 से 4 साल की उम्र में पहला ब्यांत और फिर शुरू होता है कमाई का सिलसिला.

बैल हैं सुपरहिट, खेत से जल्लीकट्टू तक

इस नस्ल के बैल ताकत के पर्याय हैं. इनका 400-500 किलो वजन होता है. इस किस्म के बैलों का स्वभाव विनम्र स्वभाव और मेहनत का जज्बा रखने वाला होता है, फिर चाहे खेतों में जुताई हो या गाड़ी खींचना, ये बैल हर काम में माहिर होते हैं. देखा जाए तो इस प्रजाति के बैलों का उपयोग विशेष रूप से जल्लीकट्टू खेल के लिए किया जाता था. इतना ही नहीं विदेशों में तो सांडों की लड़ाई में भी ये छाए हुए हैं.

हर मौसम की मार झेल ले

चाहे गर्मी हो या नमी, ओंगोल नस्ल हर मौसम में स्वस्थ रहती है. इनमें बीमारियों से लड़ने की ताकत बाकी नस्लों की अपेक्षा ज्यादा होती है. इसीलिए यह भारत के गांवों से लेकर विदेशों के खेतों तक मशहूर है.

Published: 13 Apr, 2025 | 10:05 AM

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