Kamdhenu Yojana: 25 गाय-भैंस पालो..राज्य सरकार देगी 42 लाख तक की मदद

मध्य प्रदेश सरकार ने दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अंबेडकर दुग्ध उत्पादन योजना की घोषणा की है. इसके तहत पशुपालकों को सब्सिडी भी दे रही है.

Kamdhenu Yojana: 25 गाय-भैंस पालो..राज्य सरकार देगी 42 लाख तक की मदद
नोएडा | Updated On: 17 Apr, 2025 | 03:38 PM

मध्य प्रदेश सरकार ने दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना शुरू की है, जिसका नाम है डॉ. भीमराव अंबेडकर दुग्ध उत्पादन योजना. पहले यह योजना मुख्यमंत्री पशुपालन योजना के नाम से चलती थी,लेकिन अब इसे नए रूप में लागू किया जा रहा है. हाल में हुई कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री मोहन यादव की अगुवाई में इस पर मुहर लगाई गई. इसके तहत सरकार पशुपालकों को सब्सिडी भी दे रही है. क्या है यह योजना? चलिए जानते हैं.

 गाय-भैंस यूनिट पर 33 फीसदी तक सब्सिडी

इस योजना के तहत अगर कोई पशुपालक 25 गाय या भैंस पालकर दुग्ध उत्पादन इकाई बनाना चाहता है तो उसे सरकार से आर्थिक मदद मिलेगी. अनुसूचित जाति और जनजाति(SC/ST) समुदाय के लोगों को 33 फीसदी तक अनुदान मिलेगा, जबकि अन्य वर्गों (Other Cast) को 25 फीसदी तक की सहायता दी जाएगी. इस योजना के तहत एक यूनिट की लागत करीब 42 लाख रुपये तक मानी गई है. वहीं एक व्यक्ति अधिकतम 8 यूनिट यानी 200 पशु तक पाल सकता है.

इसके अलावा, सरकार ने गोशालाओं को मिलने वाली मदद भी दोगुनी कर दी है. पहले प्रति गाय रोजाना 20 रुपये मिलते थे, अब यह राशि बढ़ाकर 40 रुपये कर दी गई है.

दूध का व्यापार बनेगा रोजगार का बड़ा जरिया

सरकार का मानना है कि यह योजना न केवल दूध उत्पादन बढ़ाएगी, बल्कि ग्रामीण इलाकों में रोजगार के नए मौके भी पैदा करेगी. खासकर उन परिवारों के लिए जो पारंपरिक रूप से पशुपालन से जुड़े रहे हैं.

गोशालाओं की आत्मनिर्भरता पर उठे सवाल

कैबिनेट बैठक के दौरान कुछ मंत्रियों ने गोशालाओं की आत्मनिर्भरता को लेकर सवाल उठाए. उनका कहना था कि अगर गोशालाएं खुद को चलाना चाहें तो जरूरी चीजें जैसे फेंसिंग और सड़कों का खर्च कौन उठाएगा? उनके इस सवाल पर मुख्यमंत्री ने जवाब दिया कि हर गोशाला में 30 दुधारू नस्ल के गोवंश रखने की अनुमति दी जाएगी ताकि वो खुद की जरूरतें पूरी कर सकें.

निराश्रित गोवंश के लिए भी नई नीति

सरकार ने स्वावलंबी गोशाला स्थापना नीति 2025 को भी मंजूरी दी है. प्रदेश में करीब 8.54 लाख निराश्रित गोवंश हैं. इनके लिए बड़े पैमाने पर निजी निवेश से गोशालाएं बनाई जाएंगी. अगर कोई संस्था 5,000 से ज्यादा गोवंश रखेगी, तो सरकार उसे जमीन देगी. इसके अलावा, हर 1,000 अतिरिक्त गोवंश पर 25 एकड़ और जमीन दी जाएगी. सरकार का दावा है कि इन कदमों से न केवल दूध उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि आवारा पशुओं की समस्या पर भी लगाम लगेगी

Published: 17 Apr, 2025 | 03:35 PM

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