दूध बढ़ाने के लिए पशु को कितना चारा देना सही, पशुपालन विशेषज्ञ ने बताई सटीक मात्रा

पशुपालन विशेषज्ञ कुंवर घनश्याम ने बताया कि पशु की दूध मात्रा बढ़ाने के लिए प्रति लीटर दूध के हिसाब से पोषण युक्त चारा देने की जरूरत होती है. उन्होंने सटीक मात्रा के साथ ही गाय की अच्छी नस्लों की जानकारी भी दी.

दूध बढ़ाने के लिए पशु को कितना चारा देना सही, पशुपालन विशेषज्ञ ने बताई सटीक मात्रा
Noida | Published: 23 Mar, 2025 | 11:20 AM

पशुपालकों को अकसर शिकायत रहती है कि उनके पशु की दूध उत्पादन मात्रा कम है. दूध मात्रा बढ़ाने के लिए पशु को दिए जा रहे चारे और रातिब की मात्रा का सटीक होना बहुत जरूरी है. पशुपालन विशेषज्ञ कुंवर घनश्याम ने किसान इंडिया को बताया कि पशु की दूध मात्रा बढ़ाने के लिए प्रति लीटर दूध के हिसाब से पोषण युक्त चारा देने की जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए सटीक मात्रा में रातिब देना बहुत जरूरी है. इससे उन्हें बीमारियों से बचाए रखने में मदद मिलती है और पशुपालक का फायदा बढ़ता है.

बीते कुछ सप्ताह से तापमान में लगातार बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. ऐसे में दुधारू पशुओं का दूध उत्पादन बनाए रखना पशुपालकों के लिए बड़ी चुनौती है. कृषि विज्ञान केंद्र गौतमबुद्धनगर में पशुपालन विशेषज्ञ कुंवर घनश्याम ने किसान इंडिया से बातचीत में कहा कि हर पशुपालक दूध की मात्रा अधिक चाहता है लेकिन इसके लिए उसे सटीक मात्रा में हरा चारा और पोषक तत्वों से लैस रातिब देना जरूरी है. रातिब में चूनी-चोकर और खली आदि के मिक्सचर को कहा जाता है, जिसे पशु के चारे में मिलाकर खिलाया जाता है.

रातिब की सटीक मात्रा जरूरी

पशुपालन विशेषज्ञ ने आगे कहा कि दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए पशुओं को हरे चारे के साथ रातिब (कंस्ट्रेट मिक्स्चर) देना जरूरी है. क्योंकि, पशुओं को पोषक तत्व खनिज लवण की पर्याप्त जरूरत रहती है. उन्होंने कहा कि दुग्ध आधार उत्पादन को बढ़ाने के लिए चोकर चूनी सही मात्रा में पशुओं को देना जरूरी है.

1 लीटर दूध पर कितना देना होगा रातिब

उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि 3 लीटर दूध देने वाली गाय को 1 किलो रातिब देना जरूरी है. यानी अगर कोई 12 लीटर दूध देने वाली गाय है तो उसे 4 किलो चारा के अलावा रातिब यानी कंस्ट्रेट मिक्स्चर देना जरूरी है. ताकि, उसे जरूरी पोषक तत्व मिल सकें. दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए चारा और रातिब की मात्रा बढ़ाई जा सकती है.

दूध नहीं देने वाले पशुओं के लिए रातिब कितना हो

पशुपालन विशेषज्ञ कुंवर घनश्याम ने बताया कि हर पशु को रातिब देना जरूरी है. क्योंकि, उसको स्वस्थ रखने के लिए पोषक तत्वों की जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि दूध नहीं देने वाली गाय को स्वस्थ रखने के लिए 1.15 किलो ग्राम रातिब देना चाहिए. इससे उसमें रोगों और बीमारियों से लड़ने के लिए ताकत मिलेगी, जिससे उसका विकास बढ़िया तरीके से हो सकेगा.

इन नस्ल की गायों का पालन करें किसान

पशुपालन विशेषज्ञ कुंवर घनश्याम ने बताया कि गायों की संख्या बढ़ाने के लिए पशुपालकों को उनकी देखरेख में ध्यान देने की जरूरत होती है ताकि उन्हें बीमारियों से बचाया जा सके और लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सके. उन्होंने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली एनसीआर के क्षेत्रों में गीर नस्ल और साहीवाल नस्ल की गायें पाली जाती हैं. क्योंकि इन गायों के विकास के लिए यहां का मौसम सटीक रहता है.

खेती कार्यों के लिए चर्चित नस्लें

कुंवर घनश्याम ने बातचीत में कहा कि देश में कई नस्लों की गायें किसान पालते हैं. जिसमें ओंगोल नस्ल काफी लोकप्रिय है. लेकिन, जलवायु और मौसम में बदलाव की वजह से इसे आंध्र प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में पालने में कठिनाई होती है. उन्होंने कहा कि ओंगोल नस्ल की गायें और बैल काफी मजबूत होने के साथ ही कद में ऊंचे होते हैं. उन्होंने बताया कि आमतौर पर गीर और साहीवाल गायों को किसान ज्यादा पालते हैं. खेती कार्यों के लिए हरियाणा नस्ल पाली जाती है क्योंकि इसके बैल ताकतवर होते हैं. राजस्थान की नागौरी नस्ल के बैल भी खेती कार्यों के लिए बेहतर माने जाते हैं.

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