गर्मियों के मौसम में कैसे पहचने बकरियों के डिहाइड्रेशन और डायरिया के लक्षण को
गर्मियों में बकरियों में डिहाइड्रेशन और डायरिया की समस्या आम हो जाती है जिसकी पहचान उनकी मेंगनी और यूरिन के रंग से की जा सकती है. समय पर इलाज और उचित देखभाल से इन बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है.

गर्मी का मौसम न केवल इंसानों बल्कि पशुओं के लिए भी कई स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आता है. खासकर बकरी पालन करने वालों के लिए यह मौसम चैलिंजिंग मानी जाती है. क्योंकि गर्मी में इंसानों के साथ – साथ पशुओं में भी हीट स्ट्रोक, डायरिया, डिहाइड्रेशन का खतरा आम बात हो जाती हैं. अगर इन बीमारियों की सही समय पर पहचान न हो और इलाज में देरी हो जाए, तो यह बकरियों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. आइए जानते हैं इसके लक्षण और सही इलाज के बारें में.
बकरियों में डायरिया की पहचान कैसे करें?
अगर पशुपालक बकरियों के व्यवहार, उनकी मेंगनी (मल) और यूरिन (मूत्र) पर ध्यान दें, तो वे आसानी से इन बीमारियों को शुरुआती स्तर पर ही पहचान सकते हैं. इस बीमारी का मुख्य कारण दिन में अधिक समय तक, वे चरने के लिए धूप में रहती हैं, ऐसे में इनमें हीट स्ट्रोक का खतरा भी अधिक रहता है. यही कारण हैं कि बकरे-बकरियों को बहुत जल्दी डायरिया और डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है. इससे समय रहते उपचार किया जा सकता है और बकरी की जान बचाई जा सकती है.
गलत खानपान बड़ी वजह
डायरिया यानी दस्त की समस्या बकरियों में कई कारणों से हो सकती है, जैसे गलत खानपान, बैक्टीरिया या वायरल इंफेक्शन, अधिक गर्मी, दूषित पानी या फिर पाचन तंत्र में गड़बड़ी. इसका सबसे आसान तरीका उनकी मेंगनी (मल) का निरीक्षण करना है.
अगर आपकी बकरी पूरी तरह स्वस्थ है तो उनके मल गोल, चमकदार और सॉलिड होगी. इसका मतलब है कि उसकी आंतों में किसी भी तरह की समस्या नहीं है और उनका पाचन तंत्र ठीक से काम कर रहा है. वहीं अगर बकरी की मेंगनी चिप-चपी के रूप में आ रही है, तो यह संकेत है कि बकरी की आंतों में किसी बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण की वजह से डायरिया की बीमारी हो गई है.
इसके जांच और इलाज क्या हैं?
- सबसे पहले, बकरी को तुरंत हल्का और सुपाच्य भोजन दें.
- उसे साफ और ताजा पानी पिलाएं ताकि शरीर में पानी की कमी न हो.
- मेंगनी को एक जिप वाली पॉलीथिन बैग में भरकर पशु चिकित्सा लैब में जांच के लिए भेजें दें.
- पशु चिकित्सक से सलाह लेकर उचित दवा और इलेक्ट्रोलाइट दें.
यूरिन के रंग से कैसे पहचानें बीमारियां?
पशु विशेषज्ञों के अनुसार, बकरी के यूरिन के रंग से उसकी सेहत का आसानी से पता लगाया जा सकता है.
- अगर बकरी के यूरिन का रंग गहरा पीला हो रहा है, तो इसका मतलब है कि उसने पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पिया है और उसे डिहाइड्रेशन की समसयां हो गई है.
- अगर बकरी के यूरिन का रंग गहरा पीला या लाल का हो जाए, तो यह संकेत है कि बकरी के यूरिन ट्रैक में किसी तरह की चोट लगी हो सकती है.
- अगर बकरी के यूरिन का रंग कॉफी या बहुत गहरा भूरा हो जाए, तो यह बेहद खतरनाक संकेत है. यह दर्शाता है कि बकरी के खून में इंफेक्शन फैल गया है, और इसे तुरंत डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है.
गर्मियों में देखभाल के लिए जरूरी टिप्स
- गर्मियों में बकरियों के शरीर में पानी की कमी न हो, इसलिए उन्हें दिनभर साफ और ठंडा पानी पिलाएं.
- बकरी को हरी पत्तियां, भूसा और चारा दें, लेकिन गर्मी में भारी आहार से बचें.
- तेज धूप और गर्मी से बचाने के लिए बकरियों को ठंडी और हवादार जगह पर रखें.
- बकरियों को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए पानी में ग्लूकोज या ओआरएस मिलाकर दें.
- समय-समय पर बकरी की मेंगनी और यूरिन का निरीक्षण करें और किसी भी असामान्यता को तुरंत पहचानें.
- अगर कोई बकरी डायरिया या संक्रमण से ग्रसित है, तो उसे बाकी बकरियों से अलग कर दें.
- किसी भी गंभीर समस्या की स्थिति में पशु चिकित्सक से संपर्क करें और उचित दवाइयों का प्रयोग करें.