अरुणाचल प्रदेश में पशुपालकों की मदद के लिए जेमिथांग में खुला चारा बैंक
किसानों को अपनी आय बढ़ाने और टिकाऊ कृषि विकास को बढ़ावा देने के लिए मशरूम की खेती, वर्मीकंपोस्टिंग और सी बकथॉर्न खेती जैसी माध्यमिक कृषि पद्धतियों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित किया.

अरुणाचल प्रदेश में पिछले दिनों एक चारा बैंक का उद्घाटन हुआ. वाइब्रेंट विलेज जेमीथांग में खुले इस बैंक का मकसद को सर्दी के मौसम में पशुपालकों की मदद करना है. इस बैंक को पशुपालकों के लिए बड़ा कदम बताया जा रहा है. बैंक के खुलने के बाद पशुओं के लिए चारे की सप्लाई निरंतर बनी रहेगी. इस पहल का शुभारंभ कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड (एएसआरबी), नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार की तरफ से किया गया.
इंसान की तरह हो देखभाल
कार्यक्रम में डॉ. संजय कुमार ने पशुधन कल्याण के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने किसानों से अपने पशुओं की देखभाल इंसानों की तरह ही करने का अनुरोध किया. साथ ही साथ उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) के वैज्ञानिकों को जलवायु-अनुकूल पौध विकसित करने की तरफ भी ध्यान देने को कहा. साथ ही उन्होंने किसानों के समग्र लाभ के लिए सेना और राज्य विभागों के साथ सहयोग करने की सलाह दी.
डॉक्टर कुमार ने किसानों को अपनी आय बढ़ाने और टिकाऊ कृषि विकास को बढ़ावा देने के लिए मशरूम की खेती, वर्मीकंपोस्टिंग और सी बकथॉर्न खेती जैसी माध्यमिक कृषि पद्धतियों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित किया.
किसानों को दिए गए बीज
चारा बैंक के तौर पर अरुणाचल प्रदेश के गांवों के किसानों और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को वर्मी बेड और बीज जैसे जरूरी कृषि इनपुट भी दिए. कार्यक्रम में केवीके तवांग द्वारा आयोजित एक कृषि प्रदर्शनी स्टॉल भी शामिल था. इसमें स्थानीय किसानों का समर्थन करने के लिए नवीन कृषि तकनीकों और प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया गया.
चारा बैंक की स्थापना जेमिथांग में कृषि और पशुधन खेती को मजबूत करने के साथ ही जलवायु परिवर्तन का सामना करने में स्थिरता और लचीलापन सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण कदम है. उद्घाटन समारोह में तवांग के डिप्टी कमिश्नर कांकी दरंग, आईसीएआर-कृषि प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, जोन-VI, गुवाहाटी के डॉ. कादिरवेल जी, सीओ दीवान मारा के साथ-साथ कई वरिष्ठ अधिकारी और गांव वाले मौजूद थे.