गायों की बीमारी नहीं बनेगी सिरदर्द, कारगर हैं ये देसी उपाय

गायों को बीमारियों से बचाना आसान है कुछ देसी और सस्ते घरेलू उपाय अपनाकर पशुपालक इलाज का खर्च घटा सकते हैं. ये उपाय न सिर्फ गायों को स्वस्थ रखते हैं बल्कि डेयरी और पशुपालन की आमदनी भी बनाए रखते हैं.

गायों की बीमारी नहीं बनेगी सिरदर्द, कारगर हैं ये देसी उपाय
नोएडा | Updated On: 18 Apr, 2025 | 11:48 AM

पशुपालन न केवल एक आजीविका का स्रोत है, बल्कि यह एक जिम्मेदारी भी है. गायों की देखभाल और उनकी सेहत को लेकर जितनी सतर्कता रखी जाएगी, उतना ही बेहतर दूध उत्पादन और ज्यादा फायदा होगा. हालांकि, गायों को बीमारियों से बचाने के लिए महंगे इलाज की जरूरत नहीं होती. कई बार सस्ते और प्राकृतिक उपायों से भी गायों की बीमारियों का इलाज किया जा सकता है. इसके लिए पशु एक्सपर्टों ने कुछ उपाय बताए हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपनी गायों को स्वस्थ रख सकते हैं और पशुपालन में बेफिक्री से काम कर सकते हैं.

खुजली और जूं से राहत

गायों में जूं और किलनी होना आम समस्या है, जो उनकी त्वचा पर खुजली और बेचैनी का कारण बनती है. इस समस्या से निजात पाने के लिए नीम एक प्रभावी और प्राकृतिक इलाज है. नीम की पत्तियों को उबालकर उसका पानी ठंडा होने पर गाय के शरीर पर लगाएं. इससे जूं खत्म हो जाती हैं और गाय की त्वचा स्वस्थ रहती है. यह उपाय पूरी तरह से सस्ता और प्राकृतिक है, जो आपको जड़ी-बूटियों पर खर्च किए बिना लाभ पहुंचाता है.

सर्दी और निमोनिया का उपचार

ठंड और बरसात में गायों को गीला रहने से निमोनिया होने की संभावना बढ़ जाती है. अगर गाय में निमोनिया के लक्षण जैसे तेज बुखार, सांस लेने में कठिनाई और नाक से पानी बहना दिखाई दे तो तुरंत इलाज करें. एक्सपर्ट का मानना है कि इस स्थिति में तारपीन के तेल से भाप दें और सरसों के तेल में कपूर मिलाकर छाती की मालिश करें इससे गाय को राहत मिल सकती है. साथ ही, गाय के रहने की जगह को सूखा और गर्म रखना भी जरूरी है. यह प्राकृतिक उपाय गाय के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है और महंगे इलाज की आवश्यकता नहीं पड़ती.

प्रसव के बाद जेर की समस्या

प्रसव के बाद गाय को जेर (placenta) बाहर निकालने में कठिनाई हो सकती है, जिससे दूध उत्पादन पर असर पड़ सकता है. इस स्थिति में गाय के पिछले हिस्से को गुनगुने पानी से साफ करें. जेर को खींचने की गलती न करें, क्योंकि यह गाय को नुकसान पहुंचा सकता है. यदि जेर बाहर न आए, तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें. यह उपाय गाय की सेहत को बनाए रखने और प्रसव के बाद की समस्याओं से बचने में मदद करता है.

घाव और कीड़ों से बचाव

गायों के शरीर पर चोट या घाव लगने की स्थिति में कीड़े पड़ने की संभावना होती है. इस स्थिति में फिनाइल मिले पानी से घाव को साफ करें और तारपीन तेल में डूबी पट्टी बांधें. इससे घाव जल्दी ठीक होते हैं और कीड़े भी नहीं लगते. वहीं मुंह के घावों के लिए फिटकरी का पानी इस्तेमाल करें. घावों की सही देखभाल से गाय जल्दी स्वस्थ हो जाती है और दूध उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ता.

योनि संक्रमण से निजात

प्रसव के बाद यदि जेर पूरी तरह से बाहर नहीं आता है तो यह योनि संक्रमण का कारण बन सकता है. इस स्थिति एक्सपर्टों की माने तो गाय को डिटॉल और पोटाश से सफाई करना मददगार साबित हो सकता है. इसके अलावा साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और पशु चिकित्सक से उचित सलाह लें.
इन उपायों को अपनाने के साथ ही पशुपालकों को चिकित्सक से संपर्क जरूर करना चाहिए.

Published: 18 Apr, 2025 | 10:51 AM

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