कम मेहनत, ज्यादा मुनाफा: ड्रैगन फ्रूट की खेती क्यों है फायदेमंद?
भारत में बढ़ती मांग की वजह से ड्रैगन फ्रूट की खेती महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों में किसान बड़े पैमाने पर कर रहे हैं.

भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रहे ड्रैगन फ्रूट को पिताया भी कहा जाता है. यह फल पोषण से भरपूर होता है और इसकी मांग लगातार बढ़ रही है. ड्रैगन फ्रूट मूल रूप से मध्य अमेरिका का फल है, लेकिन अब भारत में बढ़ती मांग की वजह से इसकी खेती महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों में किसान बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. यह खेती कम मेहनत में अधिक मुनाफा देती है. आइए जानते हैं कैसे ड्रैगन फ्रूट की खेती किसानों के लिए फायदेमंद हो सकती है.
ड्रैगन फ्रूट की खेती के फायदे:
बढ़ती मांग और अच्छा बाजार
ड्रैगन फ्रूट में एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर, विटामिन और मिनरल होते हैं, जो इसे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों के बीच काफी लोकप्रिय बनाते हैं. इसकी बढ़ती मांग के कारण घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी अच्छी कीमत मिलती है.
ज्यादा मुनाफा
पारंपरिक फसलों की तुलना में ड्रैगन फ्रूट खेती ज्यादा फायदेमंद है. एक पौधा 15-20 साल तक फल देता है और इसकी बाजार कीमत ₹150 से ₹400 प्रति किलो तक हो सकती है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है.
कम देखभाल
ड्रैगन फ्रूट एक कैक्टस प्रजाति का पौधा है, इसलिए इसे बहुत कम पानी की जरूरत होती है. जिससे यह सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है. कम रखरखाव की वजह से किसानों को ड्रैगन फ्रूट की खेती ज्यादा फायदेमंद लग रही है.
जल्दी मिलेगा फल
जहां आमतौर पर फलों के पेड़ों पर 3-4 साल में फल लगते हैं, वहीं ड्रैगन फ्रूट का पौधा 12-18 महीनों के भीतर फल देना शुरू कर देता है. इससे किसान जल्दी लाभ कमाना शुरू कर सकते हैं.
सरकार की सहायता और सब्सिडी
भारत सरकार ने ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने के लिए इसे बागवानी विकास योजनाओं में शामिल किया है. कई राज्यों में किसानों को सब्सिडी और वित्तीय सहायता दी जाती है, जिससे किसानों को इसकी खेती शुरू करने में मदद मिलती है.
निर्यात की संभावना
भारत का कृषि निर्यात तेजी से बढ़ रहा है और ड्रैगन फ्रूट की अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग बढ़ रही है. ऐसे में किसानों के पास अच्छा मुनाफा कमाने का सुनहरा अवसर है.