आसान शब्दों में समझें क्या होती है ऑर्गेनिक फार्मिंग? इससे किसानों का क्या फायदा?
ऑर्गेनिक खेती से उगाई गई फसलें रसायन-मुक्त होती हैं, जिससे लोगों को शुद्ध और पौष्टिक भोजन मिलता है और सेहत अच्छी रहती है.

आज के समय में किसानों के बीच ऑर्गेनिक खेती (Organic Farming) तेजी से लोकप्रिय हो रही है. यह खेती की एक ऐसी विधि है, जिसमें केमिकल और कीटनाशकों का इस्तेमाल न करके प्राकृतिक तरीकों से फसल उगाई जाती है. इससे न केवल मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी यह अधिक लाभदायक होती है.
क्या है ऑर्गेनिक खेती?
ऑर्गेनिक खेती में फसलों को प्राकृतिक खाद, ऑर्गेनिक कीटनाशक और पारंपरिक तकनीकों के माध्यम से उगाया जाता है. इसमें रासायनिक फर्टिलाइजर की जगह गोबर की खाद, वर्मी कंपोस्ट, हरी खाद और ऑर्गेनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता है.
ऑर्गेनिक खेती के फायदे
- ऑर्गेनिक खेती से उगाई गई फसलें रसायन-मुक्त होती हैं, जिससे लोगों को शुद्ध और पौष्टिक भोजन मिलता है और सेहत अच्छी रहती है.
- रासायनिक खादों के बिना मिट्टी की प्राकृतिक उर्वरता बनी रहती है, जिससे लंबे समय तक खेतों में अच्छी पैदावार होती है.
- ऑर्गेनिक खेती के कारण जल और मिट्टी भी प्रदूषण से बचे रहते हैं, जिससे पर्यावरण का संतुलन बना रहता है.
- ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स की बाजार में अधिक मांग बढ़ने लगी है, जिससे किसानों को अधिक मुनाफा मिल रहा है.
भारत में ऑर्गेनिक खेती का विस्तार
भारत सरकार लगातार ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है. जिससे लोगों को पर्यावरण को बिना नुकसान पहुंचाए , अच्छा मुनाफा मिल रहा है. सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान और योजनाओं का ही नतीजा है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और सिक्किम जैसे राज्यों में किसान ऑर्गेनिक खेती को अपना रहे हैं.
कैसे करें ऑर्गेनिक खेती की शुरुआत?
किसान को शुरुआत में बेशक ऑर्गेनिक खेती करना आसान न लगे. दरअसल, पारंपरिक खेती की तुलना में ऑर्गेनिक खेती में अधिक धैर्य की जरूरत होती है. इस खेती में ऑर्गेनिक खाद, ऑर्गेनिक कीटनाशक और प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल करना चाहिए. साथ ही बाजार में ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स की बढ़ती मांग को देखते हुए इसके लिए विशेष प्रमाण पत्र (Certification) भी लेना जरूरी हो सकता है.