टेरेस गार्डनिंग: छत पर ऐसे उगाएं अमरूद, संतरा और नींबू
टेरेस गार्डनिंग के लिए अधिकतर हाइब्रिड पौधों को ही चुनें. यह कम जगह में लग जाते हैं और 1-2 साल में फल देना शुरू कर देते हैं.

शहरों में कम जगह होने की वजह से लोग अपने घरों की छत पर बागवानी कर रहे हैं. सिर्फ सब्जियां ही नहीं, बल्कि छतों पर फलदार पौधे जैसे अमरूद, संतरा और नींबू उगाकर लोग केमिकल-फ्री फल प्राप्त कर रहे हैं. अगर आप भी अपने घर की छत पर फलों के पौधे लगाना चाहते हैं, तो सही देखभाल और तकनीक अपनाकर कम जगह में भी शानदार पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. आइए जानते हैं टेरेस गार्डनिंग में फलों की खेती करने से जुड़ी कुछ जरूरी बातें.
हाइब्रिड पौधे लगाएं
टेरेस गार्डनिंग के लिए अधिकतर हाइब्रिड पौधों को ही चुनें. देसी पौधों को लगाने के लिए ज्यादा जमीन और गहराई की जरूरत होती है, जो गमलों में संभव नहीं हो पाती. जबकि हाइब्रिड पौधे कम जगह में लग जाते हैं और 1-2 साल में फल देना शुरू कर देते हैं.
टेरेस गार्डनिंग के लिए उपयुक्त फलदार पौधे:
आम: अल्फांसो, केसर, दशहरी (बौनी किस्में)
अमरूद: लाल फल वाला अमरूद, थाई अमरूद
नींबू: कागजी नींबू, विशाखापट्टनम नींबू
संतरा: किन्नू, नागपुर संतरा
केला: ग्वालियर पाटी, रेड केला
पौधे लगाने का सही तरीका
फलों के पौधे लगाने के लिए कम से कम 21 x 21 इंच का गमला लें. इसमें मिट्टी और गोबर खाद का समान अनुपात में मिश्रण डालें. पौधे को गमले के बीच में लगाकर हल्के हाथों से दबाएं और गमले को धूप वाली जगह पर रखें. पहले दिन पौधे को अच्छी तरह पानी दें. गर्मियों में रोज़ाना सिंचाई करें और सर्दियों में सप्ताह में 2-3 बार पानी दें. बारिश के मौसम में अधिक पानी देने से बचें.
पिलर क्यारियां बनाएं
छत पर बागवानी करने के लिए आरसीसी की 2 फीट ऊंची क्यारियां बना सकते हैं. इसमें मिट्टी और गोबर खाद का मिश्रण डालकर फलदार पौधे लगाएं. इस तकनीक की खासियत यह है कि यह कम जगह में अधिक जल धारण क्षमता देती है. इसके अलावा, छत में सीलन नहीं आती और जल निकासी सही बनी रहती है.
सरकारी सब्सिडी
सरकार सिर्फ खेतों के किसानों को ही नहीं, बल्कि छत पर गार्डनिंग करने वाले लोगों को भी सरकारी सब्सिडी दे रही है. खासकर बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कई अन्य राज्यों में सरकार टेरेस गार्डनिंग को बढ़ावा दे रही है.