मार्च में इन गन्ने की किस्मों की करें बुवाई, कम लागत में होगी जबरदस्त कमाई
अगर किसान के पास ऊसर (कम उपजाऊ) जमीन है, तो उन्हें ऐसी किस्में चुननी चाहिए जो इस प्रकार की जमीन में भी अच्छी उपज देती हैं. ऐसी ही दो किस्में किसानों के लिए बेहतर साबित होती है.

फरवरी-मार्च का महीना गन्ने की बुवाई के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. इस समय बुवाई करने से गन्ने की फसल जल्दी और अच्छी तरह से बढ़ती है. साथ ही फसल का जमाव अच्छे होने से पौधे का विकास बेहतर तरीके से हो पाता है.
गन्ना लगाने के लिए हमेशा काली भारी मिट्टी, पीली मिट्टी, या रेतेली मिट्टी का चयान करें, जिसमें पानी का अच्छा निकास हो सके. इस मौसम में लगे गन्ने की फसल अक्टूबर नवम्बर तक तैयार हो जाती है. चलिए जानते हैं गन्ने की कुछ ऐसी किस्मों के बारे में जो किसान को फसल की क्वालिटी और उत्पादन बढ़ाने में मददगार साबित होंगे.
गन्ने की सही किस्म का चुनाव करें
किसान को गन्ने की खेती करते समय सही किस्म का चुनाव करना बेहद जरूरी है. खासकर, लाल सड़न जैसे रोगों से बचने के लिए रोग-प्रतिरोधी किस्मों को करना होगा. इन किस्मों को खेत में लगाकर किसानों को कम लागत में ज्यादा उत्पादन मिल सकता है. ध्यान रहे कि 0238 किस्म की बुवाई नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह प्रतिबंध है.
गन्ने की किस्में
- को.शा. 13235
- को.शा. 17231
- को.शा. 18231
- को.लख. 16202
- को.लख. 14201
साधारण किस्मों की बुवाई
अगर किसान सामान्य किस्मों की बुवाई करना चाहते हैं, तो वे ये किस्में भी लगा सकते हैं:
-को.शा. 16233 – मिठास और अच्छा उत्पादन देने वाली किस्म
-को.शा. 13452 – रोग प्रतिरोधक और ज्यादा उपज देने वाली किस्म
ऊसर जमीन के लिए सही किस्में
अगर किसान के पास ऊसर (कम उपजाऊ) जमीन है, तो उन्हें ऐसी किस्में चुननी चाहिए जो इस प्रकार की जमीन में भी अच्छी उपज देती हैं. ऐसी ही दो किस्में किसानों के लिए बेहतर साबित होती है.
यूपी 14234 – ऊसर जमीन में भी अच्छी बढ़त और उत्पादन
को.शा. 14233 – रोग-प्रतिरोधक और कम उपजाऊ मिट्टी में भी अच्छी पैदावार देने वाली किस्म
गन्ने की बुवाई के लिए ट्रेंच विधि अपनाएं
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, ट्रेंच विधि से गन्ने की बुवाई करने पर फसल जल्दी जमती है और स्वस्थ रहती है. ऐसे में किसान गन्ने की उच्छी पैदावार से अच्छा मुनाफा कमा सकता है.
ट्रेंच विधि के आसान चरण
-सबसे पहले अपने खेत की पहले गहरी जुताई करें और मिट्टी को हल्का और नरम बनाएं.
-अब खेत में ट्रेंच डिगर से 1 फीट चौड़ी और 20-25 सेंटीमीटर गहरी नालियां बनाएं.
-इन नालियों में गन्ने के एक से दो आंख वाले टुकड़े डालें.
ट्रेंच विधि के लाभ
-बेहतर अंकुरण और तेजी से वृद्धि
-पानी और पोषक तत्वों की बेहतर उपलब्धता
-कम लागत में अधिक उत्पादन