आलू की खेती के बाद खेत में बोए यह फसल, होगी बंपर कमाई
कुछ किसान रबी की फसल के बाद खाली पड़े खेतों में दूसरी फसलों की बुवाई करके फायदा कमाते हैं. मक्के की अगेती किस्म किसानों के बीच काफी लोकप्रिय है. मक्के की अगेती किस्म अच्छे मुनाफे की तरफ ले जा सकती है.

सर्दियां अब लगभग अलविदा हो चुकी हैं और रबी सीजन की मुख्य फसलें भी तैयार हो चुकी हैं. इन्हीं फसलों में शामिल है आलू की अगेती फसल और किसान अब इसकी खुदाई करने में जुट गए हैं. आलू के खेत कुछ दिनों बाद खाली नजर आने लगेंगे. जब तक खरीफ की फसल नहीं बोई जाएगी, तब तक ये ऐसे ही खाली पड़े रहेंगे. ऐसे में जरा सोचिए कि अगर इस खाली पड़ी जमीन पर कोई फसल बो दी जाए तो. कुछ किसान इस प्रयोग को अपनाते हैं और अच्छा खासा मुनाफा भी कमाते हैं. आइए आपको बताते हैं कि आप आलू की फसल के बाद खाली पड़ी जमीन को कैसे फायदे में ला सकते हैं.
मक्के की अगेती किस्म
कुछ किसान रबी की फसल के बाद खाली पड़े खेतों में दूसरी फसलों की बुवाई करके फायदा कमाते हैं. मक्के की अगेती किस्म किसानों के बीच काफी लोकप्रिय है. आलू की खेती के बाद खाली पड़े खेत में मक्के की अगेती किस्म की बुवाई, अच्छे मुनाफे की तरफ ले जा सकता है. आजकल मक्का की मांग बाजार में काफी है और आसानी से यह महंगे दामों पर बिक भी जाता है.
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार मक्के को दुनिया में इन दिनों ‘खाद्यान्न की रानी’ का दर्जा हासिल है. ये किसानों के लिए बेहद मुनाफे वाली फसल है. पूरे 12 महीने किसान इसकी खेती करके अच्छी-खासी कमाई कर सकते हैं. साथ ही मक्का एक ऐसी फसल है जो रबी और खरीफ दोनों सीजन में आसानी से पैदा की जा सकती है. विशेषज्ञों के अनुसार आलू की खुदाई के बाद खाली पड़े खेतों में मक्का की अगेती किस्मों को बोया जा सकता है.
मक्के की यह किस्म बेस्ट!
अगेती किस्म में जवाहर मक्का 216 शामिल है जो 90 से 98 दिन में पककर कटने के लिए तैयार हो जाती है. यह किस्म प्रति हेक्टेयर की दर से 50 से 55 क्विंटल तक की उपज देती है. साथ ही इसके बीज में रोग प्रतिरोधक क्षमता बाकी किस्मों की तुलना में काफी ज्यादा होती है जिससे फसल में रोग या बीमारी लगने की आशंका भी कम रहती है. इसके अलावा इसकी जड़ें भी काफी मजबूत होती हैं, जिससे पौधे गिरते नहीं और कीटों से लड़ने की ताकत भी इसमें ज्यादा है.