लीची की फसल को बर्बाद कर देते हैं ये कीट, जानें कैसे करें बचाव
यह कीट पत्तियों के निचले हिस्से से रस को चूसकर लीची के अंदर पोषक तत्वों को खत्म कर देते हैं.

मार्च में लगातार बदलता मौसम किसानों के लिए मुसीबत बन रहा है. दरअसल, न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी की वजह से लीची को नुकसान पहुंच रहा है. इस समय लीची पर फूल आने लगे हैं, लेकिन इसी के साथ लीची के पेड़ों पर कीट और बीमारियों का संकट बढ़ने लगा है. ऐसे में लीची की बागवानी करने वाले किसानों की जरा सी लापरवाही उनकी साल भर की मेहनत को बर्बाद कर सकती है. आइए जानते हैं किन तरीकों से लीची की खेती करने वाले किसान इन कीटों के हमले को रोक सकते हैं.
फसल बर्बाद करने वाले कीट
लीची के पेड़ों पर लीची माइट, फल छेदक कीट, दहिया कीट, लीची ब्लाइट, लीची स्टिंग बग और चूर्णिल आसिता जैसे कीटों का हमला होता है. ये कीट पौधों की पत्तियों, तनों और फलों को नुकसान पहुंचाने के साथ साथ फसल की क्वालिटी और उत्पादन को घटा देते हैं.
लीची माइट
यह कीट लीची की पत्तियों पर हमला करते हैं. ये पत्तियों के निचले हिस्से से रस को चूसकर लीची के अंदर पोषक तत्वों को खत्म कर देते हैं. इससे पत्ते भूरे के होकर सूख जाते हैं.
बचाव- पेड़ पर दिखने वाली सभी संक्रमित पत्तियों और टहनियों को काटकर जला दें. इसके साथ ही सल्फर 80% घुलने वाले चूर्ण का 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. इसके साथ ही प्रोपरजाईट 57% ई.सी. का 2 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं.
लीची स्टिंग बग
पौधों पर जब भी ये कीट लगते हैं तो ये इसकी कोमल शाखाओं और फूलों से रस चूसते हैं. जिससे कारण लीची के फूल और फल काले होकर खराब हो जाते हैं.
बचाव- इस कीट खो खत्म करने के लिए,क्लोरफेनेपायर 10% एस.सी. को 3 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर पेड़ पर छिड़काव करें.
दहिया कीट
यह सीधे पौधों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है. कोशिकाओं का रस चूसने से पेड़ का तना और मंजर सूख जाते हैं और फल खराब होकर गिर जाते हैं.
बचाव- इस कीट से पेड़ों के बचाने के लिए बाग की निराई-गुड़ाई करते रहें, जिससे कीट के अंडे नष्ट हो सकें. इसके साथ ही तने के निचले भाग पर 30 सेमी चौड़ी प्लास्टिक या अल्काथीन पट्टी लपेटें और उस पर ग्रीस या चिकना पदार्थ लगा दें. ऐसा करने से कीट पेड़ पर नहीं चढ़ पाएंगे. पेड़ को सुरक्षित रखने के लिए जड़ से 3 से 4 फीट ऊपर तने की चूने से पुताई करें.
कीटों से बचाव के अन्य उपाय
निगरानी रखें- समय-समय पर लीची के पौधों की जांच करें, ताकि पेड़ में हे रहे असामान्य परिवर्तन का पहले ही पता चल जाए.
प्राकृतिक नियंत्रण- लाभकारी कीटों जैसे कि परभक्षी पतंगे और परजीवी ततैयों का उपयोग करें.
कीटनाशकों का इस्तेमाल- अगर पेड़ पर कीटों का संक्रमण बढ़ जाता है, तो जैविक या रासायनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल सही मात्रा में करें. अधिक मात्रा की वजह से पेड़ और फल को नुकसान हो सकता है.
साफ-सफाई का रखें ध्यान- पेड़ के आस पास हमेशा सफाई रखें, गिरे हुए फल और संक्रमित पत्तियों को वहां से तुरंत हटा दें.
उचित फसल चक्र- फसल चक्र अपनाने से कीटों के जीवन चक्र को तोड़ा जा सकता है.