दुनियाभर में जनवरी रहा सबसे गर्म, ठंड के मौसम में भी टूटा गर्मी का रिकॉर्ड 

अमेरिका से लेकर यूरोप तक में कड़कड़ाके की ठंड वाले जनवरी के तापमान ने विशेषज्ञों के पसीने छुड़ा दिए हैं. यूरोपियन क्‍लाइमेट एजेंसी की तरफ से आई जानकारी विशेषज्ञों को डरा रही है. जनवरी असामान्‍य तौर पर गर्म रहा है.

दुनियाभर में जनवरी रहा सबसे गर्म, ठंड के मौसम में भी टूटा गर्मी का रिकॉर्ड 
Agra | Updated On: 10 Mar, 2025 | 04:19 PM

अगर जबरदस्‍त ठंड वाले मौसम जनवरी में भी आपको असामान्य तौर पर ज्‍यादा गर्मी महसूस हुई तो अलर्ट हो जाइए. क्‍लाइमेट चेंज को लेकर जो बातें कुछ साल पहले तक की जा रही थी, अब वो सभी डर और आशंकाएं सच साबित होने लगे हैं. न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में अब इसका असर देखने को मिल रहा है. अमेरिका से लेकर यूरोप तक में कड़कड़ाके की ठंड वाले जनवरी के तापमान ने विशेषज्ञों के पसीने छुड़ा दिए हैं. यूरोपियन क्‍लाइमेट एजेंसी की तरफ से आई जानकारी विशेषज्ञों को डरा रही है. जनवरी असामान्‍य तौर पर गर्म रहा है और यह तब हुआ है जब ला नीना का प्रभाव बरकरार है. जलवायु से जुड़ी घटना ‘ला नीना’ को ग्‍लोबल टेम्‍प्रेचर को ठंडा करने के तौर पर देखा जाता है. लेकिन उसके रहने के बाद भी तापमान का बढ़ना, एक खराब संकेत है. 

1.5 डिग्री ज्‍यादा रहा तापमान 

वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन (WMO) की तरफ से कुछ ही दिनों पहले ही 2024 को अब तक का सबसे गर्म साल घोषित किया था. अब जबकि उसने जनवरी को लेकर यह बड़ी बात कह दी है तो विशेषज्ञों की जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंताएं और बढ़ गई हैं.  जनवरी 2025 का महीना अब तक का सबसे गर्म जनवरी दर्ज किया गया है. इससे साफ है कि साल 2024 पहले से ही सबसे गर्म साल के रूप में अनुभव किया जा रहा था. यह पहला साल होगा जब औसत वैश्विक तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर (Pre-Industrial Times) से 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया.  

बढ़ रहा है समुद्र का तापमान 

यूरोपीय क्लाइमेट सर्विस – कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज के अनुसार, जनवरी 2025 में औसत तापमान 13.23 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. यह पिछले साल की सबसे गर्म जनवरी से 0.09 डिग्री अधिक और 1991-2020 के औसत से 0.79 डिग्री अधिक है.  इसके अलावा, दुनिया के कई हिस्सों में समुद्र की सतह का तापमान असामान्य रूप से अधिक दर्ज किया गया. जनवरी में समुद्र की सतह का तापमान 20.78 डिग्री सेल्सियस था, जो वैश्विक जलवायु परिवर्तन की बढ़ती चुनौती को दर्शाता है. 

साइबेरिया में भी गर्मी 

यूरोप के बाहर, नॉर्थ-ईस्ट और नॉर्थ-वेस्ट कनाडा, अलास्का और साइबेरिया में भी औसत तापमान सामान्य से अधिक दर्ज किया गया.  इसके अलावा, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिका में भी तापमान सामान्य से अधिक रहा, जिससे जलवायु परिवर्तन की गंभीरता और स्पष्ट हो रही है. अमेरिका में भी असामान्य रूप से गर्म मौसम देखा गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वैश्विक स्तर पर तापमान बढ़ रहा है, और यह प्रवृत्ति भविष्य में और भी गंभीर हो सकती है. 

Published: 10 Mar, 2025 | 07:00 PM

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