घर पर हरे चने उगाने का आसान तरीका, जानें पूरी प्रक्रिया
हरे चने न केवल स्वाद में लाजवाब होते हैं, बल्कि यह पोषण से भरपूर होते हैं. आप अपने घर की बालकनी, छत या बगीचे में भी आसानी से हरे चने उगा सकते हैं.

हरे चने जिन्हें आमतौर पर चना, छोला या हरा हरीरा भी कहा जाता है. ताजे हरे चने न केवल स्वाद में लाजवाब होते हैं, बल्कि यह पोषण से भरपूर होते हैं और सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होते हैं. लेकिन बाजार में मिलने वाले चने कई बार केमिकल और पेस्टिसाइड्स से भरे होते हैं. जो आपके हेल्थ के लिए काफी हानिकारक साबित हो सकते हैं. वैसे तो आमतौर पर हम सभी ने हरे चने को खेतों में उगते देखा है लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप इन्हें अपने घर की बालकनी, छत या बगीचे में भी आसानी से उगा सकते हैं?
अगर आप भी ऑर्गेनिक और ताजे हरे चने का मज़ा लेना चाहते हैं, तो इसे घर पर आसानी से उगाने के लिए आपको किसी बड़े खेत की जरूरत नहीं होती. आप चाहे तो छोटे गमले, ग्रो बैग या किसी भी कंटेनर में उगा सकते हैं. तो आइए जानते हैं घर पर आसानी से हरे चने उगाने की पूरी प्रक्रिया के बारें में..
हरे चने उगाने की प्रक्रिया
हरे चने उगाने के लिए सही तरीके से बीज तैयार करने से लेकर उनकी कटाई तक, हर स्टेप बहुत महत्वपूर्ण होता है. आइए जानते हैं इन स्टेप्स के बारे में.
बीजों की तैयारी
हरे चने उगाने के लिए सबसे पहले अच्छी क्वालिटी वाले बीजों का चुनाव करें. आप चाहे तो किसी नजदीकी नर्सरी या बाजार से अच्छे हरे चने के बीज खरीद सकते हैं. इसके बाद इन बीजों को 6-8 घंटे तक पानी में भिगोकर रखें. बीजों को भिगोने से उनका अंकुरण तेजी से होता है जिससे पौधों की ग्रोथ जल्दी होती हैं. इसके बाद बीजों को पानी से निकालकर कॉटन कपड़े में लपेटकर कुछ घंटे तक छोड़ दें. जब यह बीज हल्के अंकुरित होने लगें, तब ये बोने के लिए बिल्कुल तैयार हो जाएंगे.
गमले या कंटेनर का सही चुनाव
हरे चने उगाने के लिए आपको सही गमला जिसकी गहराई कम से कम 6-8 इंच होनी चाहिए, ताकि जड़ों को फैलने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके. इसके साथ ही निचले हिस्से में छोटे-छोटे छेद होने चाहिए, जिससे पानी का बहाव आसानी से हो सके और मिट्टी ज्यादा गीली न हो पाए. आप चाहे तो प्लास्टिक, मिट्टी या सिरेमिक का कोई भी गमला या कंटेनर इस्तेमाल कर सकते हैं.
मिट्टी की सही मात्रा
हरे चने उगाने के लिए हल्की, रेतीली और अच्छी मिट्टी बेहद जरूरी हैं. इसके लिए गमले में 2/3 भाग मिट्टी और 1/3 भाग जैविक खाद मिलाएं. अगर मिट्टी बहुत सख्त हो तो उसमें थोड़ा बालू (रेत) या कोकोपीट मिलाएं, जिससे मिट्टी नरम और हवादार बनी रहे. इसके साथ ही इसमें गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट डालना फायदेमंद साबित हो सकता हैं. क्योंकि यह मिट्टी में जरूरी पोषक तत्वों की मात्रा को बढ़ने में मदद करता है.
सही दूरी और गहराई
सही दूरी और गहराई में बीज बोने के लिए गमले में 2-3 इंच गहरी लकीर बनाएं. अब इसमें हरे चने के बीजों को 1-2 इंच की दूरी पर रखें ताकि पौधों को बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके. बीजों को हल्की मिट्टी से ढक दें और हल्का दबा दें. इसके बाद गमले में हाथों की मदद से हल्के पानी का छिड़काव करें. ध्यान रखे की बीज ज्यादा गहरा न बोए, इससे उनका अंकुरण धीमा हो सकता है.
संतुलित सिचाई
पौधे को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती, लेकिन मिट्टी में हमेशा हल्की नमी बनी रहनी चाहिए. बीज बोने के बाद पौधों को हल्का पानी डालें, लेकिन बहुत ज्यादा पानी न डालें, क्योंकि इससे बीज सड़ सकते हैं. जब पौधे अंकुरित होने लगें, तो हर दिन हल्की मात्रा में पानी दें. अगर मिट्टी जल्दी सूख रही हो, तो दिन में दो बार पानी दें, लेकिन ध्यान रखें कि मिट्टी में पानी जमा न हो.
धूप और देखभाल
हरे चने के पौधों को अच्छी धूप और सही देखभाल की जरूरत होती है. गमले को ऐसी जगह रखें, जहां 4-5 घंटे सीधी धूप मिल सके. अगर ज्यादा कीट दिखाई दें, तो नीम तेल का स्प्रे करें, जिससे फसल सुरक्षित रहे. पौधों के आसपास की मिट्टी को समय-समय पर नरम करते रहें ताकि जड़ें बेहतर तरीके से बढ़ सकें.
कब करें ताजे चनों की कटाई ?
हरे चने के पौधे 3-4 सप्ताह में तैयार हो जाते हैं. जब पौधों में छोटे-छोटे हरी फलियां (Pods) दिखने लगें, तो समझ लें कि आपकी फसल कटाई के लिए तैयार है.