कश्मीर में हाइड्रोपोनिक खेती कैसे बदल रही है किसानों की जिंदगी
हाइड्रोपोनिक खेती के लिए सहायता, प्रशिक्षण और उपकरण प्रदान करने वाली राष्ट्रीय हाइड्रोपोनिक खेती फर्म क्राइजेन की मानें तो इस प्रकार की खेती अब कश्मीर में अपनी मजबूत पकड़ बनाती जा रही है. जैसे-जैसे कश्मीर में हाइड्रोपोनिक्स की लोकप्रियता बढ़ रही है, विशेषज्ञों का मानना है कि यह क्षेत्र के कृषि दृश्य को पूरी तरह से बदल सकता है.

'धरती का स्वर्ग' कहे जाने वाले कश्मीर के किसान भी अब खेती की नई टेक्निक का प्रयोग करके फायदा हासिल कर रहे हैं. इन किसानों की आर्थिक स्थिति बदल रही है और साथ ही ये अब देश के बाकी किसानों को भी प्रेरणा देने लगे हैं. कश्मीर के किसान भी अब ब्रोकली और लेट्यूस जैसी सब्जियां उगाने लगे हैं. हाइर्डोपोनिक खेती के जरिये वो अब अपने खेत को आय के अच्छे साधन में तब्दील करते जा रहे हैं.
कश्मीर मॉनिटर की रिपोर्ट में कृषि विज्ञान में स्नातक समीर अहमद भट के हवाले से लिखा है कि वह हमेशा से ही विदेशी सब्जियां उगाने के लिए अपने ज्ञान का प्रयोग करने का सपना देखते थे.लेकिन पर्याप्त भूमि की कमी हमेशा उनके लिए चिंता का विषय रही. साल 2023 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के तुरंत बाद, उन्होंने एक फर्म से संपर्क किया. इस फर्म के पास हाइड्रोपोनिक खेती में विशेषज्ञता थी.
भट ने 30,000 रुपये के शुरुआती निवेश के साथ जमीन के एक छोटे से टुकड़े पर सफलतापूर्वक एक हाइड्रोपोनिक सब्जी फार्म की शुरुआत की. यहां से उनकी जिंदगी ही बदल गई. आज उनकी गिनती उन सफल किसानों में होती है जो स्थानीय सब्जियों के अलावा ब्रोकली और लेट्यूस सहित कई तरह की विदेशी सब्जियां उगा रहे हैं.
पिछले कुछ सालों में कश्मीर में हाइड्रोपोनिक खेती में तेजी से इजाफा हुआ है. इस तरह की खेती ज्यादातर श्रीनगर में की जाती है, जहां किसानों के पास फसल उगाने के लिए सीमित जमीन है. हाइड्रोपोनिक्स एक मिट्टी रहित खेती पद्धति है जिसमें फसल उगाने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर पानी का उपयोग किया जाता है.
इस तरीके से किसान साल भर खेती कर सकते हैं. साथ ही ज्यादा उपज और संसाधनों के कुशल उपयोग की आजादी भी उन्हें मिलती है. इससे यह क्षेत्र के लिए एक आकर्षक विकल्प बन जाता है. हाइड्रोपोनिक खेती के लिए सहायता, प्रशिक्षण और उपकरण प्रदान करने वाली राष्ट्रीय हाइड्रोपोनिक खेती फर्म क्राइजेन की मानें तो इस प्रकार की खेती अब कश्मीर में अपनी मजबूत पकड़ बनाती जा रही है.