लहसुन की फसल पर हो रहा डाउन बिल्लू अटैक, तुरंत करें बचाव

डाउन बिल्लू नामक इस बीमारी के कारण लहसुन की पत्तियों पर पहले धारियां और फिर लाल धब्बे दिखाई देते हैं.

लहसुन की फसल पर हो रहा डाउन बिल्लू अटैक, तुरंत करें बचाव
Agra | Updated On: 7 Mar, 2025 | 08:26 PM

लहसुन की खेती पूरे भारतवर्ष में की जाती है. पिछले साल इसकी खेती करने वाले किसानों को अच्छा मुनाफा हुआ था.  इससे प्रेरित होकर इस बार किसानों ने लहसुन की खेती का क्षेत्र बढ़ा लिया है. हालांकि, इस बार लहसुन की फसल एक नई बीमारी का शिकार हो रही है. डाउन बिल्लू नामक इस बीमारी के कारण लहसुन की पत्तियों पर पहले धारियां और फिर लाल धब्बे दिखाई देते हैं. इस बीमारी से फसल को गंभीर नुकसान होने के साथ ही, उत्पादन पर भी इसका असर पड़ सकता है.

यह बीमारी लहसुन की खेती करने वाले किसानों के लिए एक बड़ी चिंता का कारण बन गई है, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर समय रहते सही रसायनों का इस्तेमाल किया जाए, तो इस समस्या से निजात पाया जा सकता है.

यह बीमारी खासतौर पर बुंदेलखंड क्षेत्र में फैल रही है. सागर जिले में इस बार लगभग 15,000 हेक्टेयर में लहसुन की खेती की गई है, जबकि पूरे बुंदेलखंड में यह क्षेत्र 70,000 हेक्टेयर से भी ज्यादा है. एक्सपर्ट्स की मानें तो मौसम में हो रहे बदलाव के कारण फसलों पर बीमारियों का असर बढ़ा है. सागर कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आशीष त्रिपाठी के अनुसार, इस समय डाउन बिल्लू के अलावा थ्रिप्स और फफूंद जनित बीमारियां भी लहसुन की फसल को प्रभावित कर रही हैं.

किसान करें ये उपाय

अगर आपको भी अपने खेतों में डाउन बिल्लू और फफूंद जनित बीमारियों के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो इसको नियंत्रित करने के लिए क्लोरोथेनिल, थायोफिनेट मिथाइल या टेबूकोनाजोल जैसे फफूंदनाशकों का उपयोग करें. वहीं, थ्रिप्स की समस्या से निपटने के लिए 5-7 दिनों के अंतराल पर एसीटामिप्रिड, थायोमेथोक्सम या स्पिनोसैड जैसे कीटनाशकों का छिड़काव करना चाहिए.

सही बीज का करें चुनाव

खेतों में लहसुन की कली लगाने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आपके बीज लहसुन का स्रोत विश्वसनीय हो. जरूरी नहीं बाजार में दिखने वाला हर लहसुन आपके खेतों के लिए अच्छा हो.  यह बिना यह बिना लक्षणों के भी बीमारी फैला सकता है.

Published: 8 Mar, 2025 | 03:25 AM

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