लाल केले की खेती से किसान होंगे मालामाल, जानें इससे जुड़ी पूरी जानकारी
सामान्य पीले केले की तुलना में लाल केला अधिक पोषणयुक्त है. इसमें विटामिन सी, विटामिन बी6, एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर की अधिक मात्रा पाई जाती है.

भारत में केला सबसे अधिक पैदा होने वाले फलों में से एक है. इसकी अलग-अलग किस्मों में लाल केला सबसे प्रमुख है. इस केले के लाल रंग के छिलके, मीठे स्वाद की वजह से लोग इसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं. सामान्य पीले केले की तुलना में लाल केला अधिक पोषणयुक्त है.
इसमें विटामिन सी, विटामिन बी6, एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर की अधिक मात्रा पाई जाती है. बाजार में लगातार बढ़ती लाल केले की डिमांड को देखते हुए किसान इसकी खेती की ओर बढ़ रहे हैं. चलिए जानते हैं इस केले की खेती करना क्यों किसानों के लिए फायदे का सौदा है.
केले की मांग
पूरे देश में केले का व्यापक उपयोग होता है, चाहे वह स्वास्थ्य लाभ के लिए हो या पूजा-पाठ में. यह एक कैलोरी युक्त फल है, जिसका उपयोग लोग वजन बढ़ाने के लिए भी करते हैं. केले की खेती इसकी उच्च मांग के कारण लोकप्रिय है.
लाल केला की बढ़ती मांग
लाल केले की कीमत सामान्य पीले केले की तुलना में 1.5 से 2 गुना अधिक होती है. लाल केले में विटामिन ए, सी, बी-6, कार्बोहाइड्रेट, मैग्नीशियम, जिंक, फॉस्फोरस, सोडियम, लोहा, कैल्शियम, और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. यह एक खास किस्म का केला है, जिसकी पहचान इसके लाल या गहरे गुलाबी रंग के छिलके से होती है. इसका स्वाद हल्का रसभरा और वेनिला जैसा होता है, जो इसे अन्य किस्मों से अलग बनाता है.
लाल केले की खेती
लाल केले की खेती की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया से हुई थी, लेकिन अब यह अमेरिका, वेस्ट इंडीज, मैक्सिको सहित कई देशों में की जाती है. भारत में केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में इसकी खेती तेजी से बढ़ रही है. इस केले में बीटा कैरोटीन की उच्च मात्रा के कारण इसकी मांग और भी बढ़ गई है.
लाल केले की पैदावार और बाजार मूल्य
लाल केले की पैदावार सामान्य केले से अधिक होती है. एक गुच्छे में लगभग 100 केले होते हैं. बाजार में इसकी कीमत करीब 200 रुपये प्रति दर्जन होती है. थोक में बेचने पर भी किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है.
लाल केले से संभावित कमाई
एक एकड़ में लगभग 600-700 पौधे लगाए जा सकते हैं. यदि 500 पौधे सुरक्षित रहें और प्रत्येक पौधे से 5-7 गुच्छे मिलें, तो एक गुच्छे में 100 केले होते हैं. अगर थोक में 5 रुपये प्रति केला भी बेचा जाए, तो एक गुच्छे से 500 रुपये की कमाई होती है. 500 पौधों से 2500 गुच्छे प्राप्त होते हैं, जिससे सालाना कमाई 12.5 लाख रुपये तक हो सकती है. लागत और श्रम को घटाकर किसान 8 से 8.5 लाख रुपये का मुनाफा कमा सकते हैं.
मिट्टी
लाल केले की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. झील, नदी या तालाब के किनारे की नम भूमि पर भी इसकी खेती से अच्छी पैदावार मिलती है.
खाद और उर्वरक
प्रत्येक पौधे के लिए 18-20 किलोग्राम खाद की आवश्यकता होती है. 100 पौधों के लिए करीब 2000 किलो जैविक खाद की जरूरत होगी. मिट्टी की जांच के बाद पोटाश, यूरिया आदि उर्वरकों का संतुलित प्रयोग करें.
सिंचाई
गर्मी में हर 15-20 दिन में और सर्दी में 25-30 दिन के अंतराल पर सिंचाई आवश्यक है. छिड़काव विधि से सिंचाई करना उत्तम माना जाता है.