36 लाख किसानों के पास अब भूमि रिकॉर्ड से जुड़ी डिजिटल आईडी, यूपी के किसान आगे

कृषि मंत्रालय की तरफ से 11 राज्यों में 34 लाख से ज्‍यादा किसानों को डिजिटल आईडी मुहैया करा दी गई है. सरकार का मकसद किसानों का एक ऐसा डेटा बेस तैयार करना है जो उनके भूमि रिकॉर्ड से जुड़ा हो.

36 लाख किसानों के पास अब भूमि रिकॉर्ड से जुड़ी डिजिटल आईडी, यूपी के किसान आगे
Noida | Updated On: 10 Mar, 2025 | 12:29 PM

कृषि मंत्रालय की तरफ से 11 राज्यों में 34 लाख से ज्‍यादा किसानों को डिजिटल आईडी मुहैया करा दी गई है. सरकार का मकसद किसानों का एक ऐसा डेटा बेस तैयार करना है जो उनके भूमि रिकॉर्ड से जुड़ा हो और इस पहल में केंद्र सरकार, राज्‍यों के साथ मिलकर काम कर रही है. किसानों को सेवाओं और योजना का फायदा सही तरह से मिले, मिले इसके लिए ही सरकार डिजिटल पहल के तहत एग्रीस्‍टैक को आगे बढ़ा रही है. इसके तहत अगले कुछ वर्षों में आधार की तरह ही किसानों के लिए 110 मिलियन डिजिटल आईडी तैयार कर ली जाएंगी.

कौन-कौन से राज्‍य

अखबार फाइनेंशियल एक्‍सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अभी 11 राज्यों में एग्रीस्‍टैक कार्यक्रम जारी है. अभी तक इस लिस्‍ट में उत्तर प्रदेश टॉप पर है, जहां पर 12 लाख किसानों की डिजिटल आईडी तैयार हो गई हैं. उसके बाद 6.5 लाख किसानों के साथ महाराष्‍ट्र, 5.6 लाख किसानों के साथ मध्य प्रदेश, 3.9 लाख किसानों के साथ गुजरात, आंध्र प्रदेश में 2.9 लाख, राजस्थान में 2.2 लाख किसानों की डिजिटल आईडी तैयार हो गई हैं.

क्‍या है सरकार का लक्ष्‍य

तमिलनाडु, असम, छत्तीसगढ़, ओडिशा और बिहार ऐसे राज्य हैं जिन्होंने पहचान-पत्र प्रदान करने के लिए हाल ही में यह कार्यक्रम शुरू किया है. वित्त वर्ष 2026 और वित्त वर्ष 2027 में क्रमशः 30 लाख और 20 लाख किसानों को उनकी डिजिटल आईडी मिलने की उम्‍मीद है. कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘किसानों की विशिष्‍ट आईडी का उपयोग करके ऋण और फसल बीमा को मंजूरी देना तेज होगा. जबकि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) के तहत नकद हस्तांतरण को इन आईडी से जोड़ा जा रहा है.’

डिजिटल आईडी अनिवार्य

वर्तमान में पीएम किसान के तहत, एक एपीआई-आधारित सॉफ्टवेयर लाभ का दावा करने वाले किसानों के भूमि रिकॉर्ड की जांच करता है. इस बीच, कृषि मंत्रालय ने पीएम किसान के लिए नए आवेदकों के लिए भूमि रिकॉर्ड से जुड़ी डिजिटल आईडी हासिल करना अनिवार्य कर दिया है. अधिकारियों का कहना है कि मौजूदा पीएम लाभार्थियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन इस कदम का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि किसानों के लिए एक प्रामाणिक डेटाबेस तैयार किया जाए. मंत्रालय ने राज्यों से भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण और लाभार्थियों के नाम को अपडेट करने का आग्रह किया था ताकि किसानों की डिजिटल आईडी बनाई जा सके.

कर्नाटक से ली सरकार ने प्रेरणा

किसानों का डिजिटल डेटाबेस तैयार करने की कृषि मंत्रालय की पहल कर्नाटक के फल किसान पंजीकरण और एकीकृत लाभार्थी सूचना प्रणाली (FRUITS) सॉफ्टवेयर पर आधारित है. यह स्वामित्व को प्रमाणित करने के लिए आधार कार्ड और राज्य की भूमि डिजिटल भूमि रिकॉर्ड प्रणाली का प्रयोग करके सिंगल रजिस्‍ट्रेशन की सुविधा प्रदान करता है. कर्नाटक में, FRUITS सॉफ्टवेयर के जरिये से, किसान पीएम किसान के तहत नकद प्रोत्साहन, फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान, विशेष वित्तीय सहायता, जाति प्रमाण पत्र प्रमाणीकरण और राशन कार्ड जैसी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं.

Published: 10 Mar, 2025 | 12:45 PM

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