ड्रैगन फ्रूट की खेती ने बनाया सेलिब्रिटी किसान, कमा रहे 30 लाख रुपये
अंशुल मिश्रा ने इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद खेती को अपनाया है. वे ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं, जिससे वह सालाना 30 लाख रुपये कमा रहे हैं. उनकी इस सफलता ने उन्हें 'सेलिब्रिटी किसान बना दिया है.

जब आप ‘सेलिब्रिटी’ शब्द सुनते हैं, तो शायद बॉलीवुड स्टार्स या किसी नामी बिजनेसमैन की छवि दिमाग में आती है. लेकिन अब इस लिस्ट में एक ऐसा नाम जुड़ चुका है, जो खेती से जुड़ा है. हम बात कर रहे हैं शाहजहांपुर के चिलौवा गांव के रहने वाले अंशुल मिश्रा की, जो अब ‘सेलिब्रिटी किसान’ के नाम से मशहूर हो चुके हैं. अंशुल ने इंजीनियरिंग की डिग्री करने के बाद खेती को न केवल अपनाया, बल्कि उसे अपनी पहचान और सफलता का जरिया भी बना दिया.
इंजीनियरिंग छोड़ थामी खेती की राह
अंशुल मिश्रा ने 2019 में चेन्नई से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया. आमतौर पर इंजीनियरिंग के बाद युवा शहरों में नौकरी तलाशते हैं, लेकिन अंशुल ने इसके उलट किया. उन्होंने खेती को चुना और अपने गांव लौटकर कुछ अलग करने का फैसला लिया. कॉलेज के दिनों में ही उन्हें खेती में कुछ नया करने का मन हुआ था और इसी सोच ने उन्हें ड्रैगन फ्रूट की खेती की ओर मोड़ा.
परंपरागत फसलों को छोड़कर उन्होंने ट्रेंड से हटकर ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की, जो अब उनकी पहचान बन चुकी है. अंशुल ने बताया कि आज वे फलों से सालाना 30 लाख रुपये कमा रहे हैं, और पौधों की बिक्री से अलग इनकम भी हो रही है. इसके साथ वे यह भी बताते हैं कि शादी-विवाह के सीजन में उनके उगाए ड्रैगन फ्रूट की डिमांड काफी बढ़ जाती है. शादी समारोह के दौरान लोग एडवांस बुकिंग करा लेते हैं. इसकी बाजार में कीमत 250 रुपये प्रति किलो तक जाती है और लखनऊ जैसी बड़ी जगहों पर वीआईपी शादियों में इसकी खूब मांग रहती है.
पांच एकड़ जमीन में बीस हजार पौधे
अंशुल ने अपनी पांच एकड़ जमीन में से आधे हिस्से यानी करीब ढाई एकड़ में ड्रैगन फ्रूट के 20,000 पौधे लगाए हैं. एक एकड़ में करीब दो से ढाई लाख रुपये की लागत आती है, लेकिन आमदनी इससे दोगुनी होती है. सबसे अच्छी बात यह है कि इस खेती में जानवरों का कोई खास खतरा नहीं रहता, जो आमतौर पर किसानों के लिए बड़ी परेशानी होती है.
Anshul Mishra Dragon Fruit Farmer
जेल में लगाए गए ड्रैगन फ्रूट के पौधे
ड्रैगन फ्रूट की खेती की लोकप्रियता इतनी हैं कि फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में भी उनके ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाए गए हैं. जेल अधीक्षक ने अंशुल के फार्म से 8000 पौधे मंगवाए और अब कैदियों को ड्रैगन फ्रूट की खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अंशुल का कहना है कि जेल के बंदियों को भी ये खेती काफी पसंद आ रही है और वह इसे एक कैश क्रॉप के रूप में देख रहे हैं
राज्यपाल और सीएम भी कर चुके सम्मानित
ड्रैगन फ्रूट की खेती ने अंशुल को नाकी आर्थिक लाभ दिया बल्कि उनकी ख्याति को भी बढ़ा रही है. युवा किसान अंशुल मिश्रा को वर्ष 2024 में खेती में सफलता किसानी को लेकर उन्हे सम्मानित कर चुकी हैं. इसके साथ ही सुने के मुखिया योगी आदित्य नाथ ने भी उनके इस कार्य की सरहना कर चुके हैं. अंशुल मिश्रा की यह कहानी बताती है कि अगर सोच अलग हो और मेहनत सच्ची हो, तो खेती भी कमाई का जरिया बन सकती है. अब युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुके हैं और यह साबित कर चुके हैं कि खेती में भी छुपा है एक चमकता हुआ भविष्य.