प्याज किसानों को ऊंचा दाम मिलने का रास्ता खुला, सरकार के इस कदम से मिलेगा लाभ

कई सप्ताह से प्याज की थोक कीमतें 15 रुपये प्रति किलो तक मंडियों में दर्ज की गई हैं. उपभोक्ता मामले विभाग के अनुसार 23 मार्च 2025 को प्याज का न्यूनतम खुदरा मूल्य 17 रुपये प्रति किलो दर्ज किया गया है.

प्याज किसानों को ऊंचा दाम मिलने का रास्ता खुला, सरकार के इस कदम से मिलेगा लाभ
Noida | Published: 23 Mar, 2025 | 05:20 PM

प्याज की बंपर उपज के चलते मंडियों में किसानों को अपनी उपज औने-पौने दाम पर बेचनी पड़ रही है. हालात यह हैं कि कुछ किसानों को 15 रुपये प्रति किलो दाम पर अपनी प्याज बेचनी पड़ी है. बीते करीब 3 सप्ताह से प्याज के भाव में आई गिरावट के चलते किसानों ने सरकार से राहत की मांग की थी. क्योंकि, बंपर आवक और प्याज निर्यात पर लगाई गई इंपोर्ट ड्यूटी के चलते थोक मंडियों में दाम लुढ़के हुए हैं. अब केंद्र सरकार ने 20 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी को हटा लिया है. यह फैसला 1 अप्रैल से लागू होगा.

प्याज निर्यात पर 20 फीसदी का फैसला वापस

केंद्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर 1 अप्रैल 2025 से प्याज पर 20 फीसदी निर्यात शुल्क वापस ले लिया है. उपभोक्ता मामलों के विभाग की सिफारिश के आधार पर राजस्व विभाग की ओर से नोटीफिकेशन जारी किया गया है. इस कदम से प्याज निर्यातकों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है, जबकि किसानों को सही दाम मिलने की उम्मीद बंधी है. बता दें कि घरेलू उपलब्धता बनाए रखने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने निर्यात शुल्क, न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) और यहां तक ​​कि पूर्ण निर्यात प्रतिबंध जैसे कड़े उपाय लागू किए थे. केंद्र ने 20 फीसदी निर्यात शुल्क हटा लिया है जिसे 13 सितंबर 2024 को लगाया गया था.

प्याज की बंपर उत्पादन अनुमान

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अनुसार इस साल रबी सीजन की प्याज का उत्पादन 227 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है. यह उत्पादन अनुमान पिछले साल के 192 लाख मीट्रिक टन से 18 फीसदी अधिक है. बता दें कि रबी सीजन उगाई जाने वाली प्याज भारत के कुल प्याज उत्पादन का 70-75 फीसदी होती है. खरीफ सीजन में अच्छे मॉनसून के चलते प्याज बुवाई के वक्त पर्याप्त नमी और अनकूल मौसम के चलते किसानों ने जमकर प्याज की बुवाई की थी. कर्नाटक, महाराष्ट्र समेत अन्य प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में अच्छी फसल हुई है.

किसानों से प्याज मांग बढ़ने की उम्मीद

आने वाले महीनों में रबी उत्पादन में बढ़त से बाजार की कीमतों में और कमी आने की उम्मीद है. वहीं, निर्यात शुल्क हटाने से प्याज निर्यातकों को वैश्विक बाजारों में बढ़ी हुई प्रतिस्पर्धा से लाभ होने की संभावना है. इसका फायदा प्याज किसानों को भी सही कीमत मिलने के रूप में मिलेगा, क्योंकि निर्यात आसान होने से प्याज का स्टॉक खाली होगा और किसानों से प्याज की मांग बढ़ेगी.

प्याज का खुदरा और थोक मूल्य

बीते कुछ सप्ताह से प्याज की थोक कीमतें 15 रुपये प्रति किलो तक मंडियों में दर्ज की गई हैं. कई जगह किसानों में कम कीमतों को लेकर नाराजगी भी देखी गई है. उपभोक्ता मामले विभाग के मूल्य निगरानी प्रभाग के अनुसार 23 मार्च 2025 को प्याज का न्यूनतम खुदरा मूल्य 17 रुपये प्रति किलो दर्ज किया गया है. जबकि, राष्ट्रीय स्तर पर प्याज का औसत खुदरा भाव 39 रुपये प्रति किलो. महाराष्ट्र की कई मंडियों में प्याज का थोक भाव 15 रुपये प्रति किलो तक दर्ज किया गया है.

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