पंजाब सुनहरी और हरा मधु…खरबूजे की ये 5 किस्में किसानों को बना रहीं अमीर
खरबूजे की खेती किसानों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है. लेकिन, अच्छी कमाई के लिए खरबूजे की सही किस्मों का चुनाव करना बहुत जरूरी है. यहां पर खरबूजे की बेस्ट 5 किस्मों के बारे में जानते हैं.

कृषि क्षेत्र में किसान अपनी आय बढ़ाने के लिए हमेशा नए तरीकों और फसलों की तलाश में रहते हैं. गेहूं, चना, मक्का और धान जैसी पारंपरिक फसलों के अलावा, अब किसानों के पास फल और सब्जियों की खेती से भी अपनी आय बढ़ाने का एक बेहतरीन विकल्प है. विशेष रूप से गर्मी के मौसम में खरबूजों की भारी मांग होती है, जो न सिर्फ बाजार में अच्छा दाम प्राप्त करता है, बल्कि किसानों के लिए भी मुनाफे का सौदा साबित हो सकता है.
खरबूजे की खेती का समय
गेहूं की कटाई मार्च-अप्रैल में होती है और इसके बाद खेतों में कोई फसल नहीं लगती, जिससे खेत खाली रहते हैं. ऐसे में किसान खरबूजे की खेती कर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. खरबूजे की खेती से कम समय में तैयार होने वाले फसलों में से एक है. इस फसल की मांग गर्मी के मौसम में काफी अधिक होती है, जिस कारण ये बाजारों में भी अधिक दामों पर बिकता है. इस वजह से किसान कम समय और कम लागत में मोटी बचत हासिल कर पाते हैं.
खरबूजे की टॉप 5 किस्में
- पंजाब सुनहरी किस्म : इस किस्म को पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किया है. यह एक अगेती किस्म मानी जाती है. यह फल लगभग 1.00 किलोग्राम के होते हैं. वहीं इसके छिलके हल्का हरे और थोड़े मोटे होता है. जिस कारण इनमें 11.0 प्रतिशत मिठास होती है. इस पौधों की लंबाई 2.5 मीटर इसके फल लगभग एक किलोग्राम के होता है.
- पूसा शरबती (एस-445) : खरबूजे की इस किस्म को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के माध्यम से कुटामा और अमेरिकी किस्म ‘कैंटेलूप रेसिस्टेंट’ के साथ मिलकर उगाया गया है. इसके साथ ही यह अगेती किस्म होता है. यह फल गोल और मध्यम आकार के होते हैं. जिसके गूदे का रंग नारंगी और मिठास 11 से 12 प्रतिशत तक होता है. इस फल लगभग 800 ग्राम का होता हैं और इसके पौधों की औसत लंबाई 1.5 मीटर होती है.
- हरा मधु किस्म : यह किस्म रसदार होती है और हरे, सफेद रंग का होता है. फल का गूदा भी हल्का हरा होने के कारण इसमें 12 से 15 प्रतिशत तक मिठास होती है. इस पौधों की लंबाई 2.5 मीटर इसके फल लगभग एक किलोग्राम के होता है.
- आईवीएमएम 3 किस्म : यह किस्म हल्के पीले रंग की होती है और इसका गूदा मीठा होता है. इसका औसत वजन 500 से 600 ग्राम के बीच होता है.
- मधुरस किस्म : इस किस्म के फल गहरे हरे रंग के होते हैं और उनका आकार गोल और चपटा होता है. इसका गूदा नारंगी रंग का होता है और वजन 700 ग्राम तक हो सकता है.
60 दिन में तैयार हो जाती है फसल
खरबूजे की बुवाई मार्च महीने में की जा सकती है. इन बीजों की बुवाई के लिए नालियां बनाई जाती हैं और बीज को नाली के किनारे 50 से 60 सेमी की दूरी पर बोया जाता है. यह फसल 2 से 3 महीने में तैयार हो जाती है. वहीं मध्य प्रदेश जैसे अन्य राज्यों में किसानों को खरबूजे की खेती के लिए सब्सिडी भी मिलती है. बता दें की मध्य प्रदेश में, 0.200 हैक्टेयर क्षेत्र के लिए 35 प्रतिशत की अनुदान राशि दी जाती है, जो किसानों के लिए आय का एक अच्छा स्रोत बन सकता है.