महाराष्ट्र के किसानों ने उठाई प्याज पर लगे निर्यात शुल्क को खत्म करने की मांग
महाराष्ट्र, देश का वह राज्य है जहां पर प्याज का उत्पादन सबसे ज्यादा है. प्याज के कुल उत्पादन का 33 फीसदी अकेले महाराष्ट्र में होता है. लासलगांव एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी है.

महाराष्ट्र के किसानों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि प्याज पर जो निर्यात शुल्क यानी एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई गई है, उसे खत्म किया जाए. केंद्र सरकार की तरफ से प्याज के निर्यात पर 20 फीसदी का शुल्क लगाया गया है. इस कदम का मकसद घरेलू स्तर पर प्याज की कीमतों को नियंत्रित करना था. लेकिन अब यह फैसला किसानों और उत्पादकों को रास नहीं आ रहा है. उनका कहना है कि निर्यात शुल्क के चलते किसानों को काफी नुकसान हो रहा है.
किसानों की तुरंत एक्शन लेने की मांग
साकाल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार लासलगांव बाजार समिति की तरफ से मांग की गई है कि निर्यात शुल्क को तत्काल प्रभाव से खत्म किया जाए. आपको बता दें कि नाशिक के तहत आने वाला लासलगांव एक महत्वपूर्ण प्याज उत्पादक क्षेत्र है जहां का लाल प्याज काफी मशहूर है. बाजार कमेटी के चेयरमैन बालासाहेब की तरफ से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण, शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार से प्याज को लेकर निर्यात शुल्क को खत्म करने की अपील की है.
सबसे ज्यादा उत्पादन वाला राज्य
महाराष्ट्र, देश का वह राज्य है जहां पर प्याज का उत्पादन सबसे ज्यादा है. प्याज के कुल उत्पादन का 33 फीसदी अकेले महाराष्ट्र में होता है. लासलगांव एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी है. ऐसे में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्याज की कीमतें बाजार को प्रभावित करती हैं. पिछले कुछ महीने से लासलगांव में प्याज की कीमतों में तेजी से गिरावट आ रही है. फरवरी में यहां पर हरी पत्ती वाली प्याज यानी स्प्रिंग ओनियन की कीमतें 70 से 3535 रुपये प्रति क्विंटल थीं. जबकि साधारण प्याज की कीमतें 800 रुपये से 3152 रुपये प्रति क्विंटल थीं. वर्तमान समय में स्प्रिंग ओनियत 700 से 2475 रुपये प्रति क्विंटल तो साधारण प्याज 980 से 2601 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर बिक रहा है.
अभी और कम होंगी प्याज की कीमतें
राज्य में अच्छी बारिश की वजह से उत्पादन भी बढ़ गया. ऐसे में बाजार में जल्द ही प्याज की खेप भारी मात्रा में उपलब्ध होगी. वहीं गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल में भी प्याज का उत्पादन जमकर हुआ है. ऐसे में इस बात की पूरी आशंका है कि अगले कुछ दिनों में प्याज की कीमतों में और गिरावट होगी. ऐसे में प्याज उत्पादक सरकार की तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं. अगर निर्यात शुल्क को हटा दिया जाता है तो फिर कीमतों में सुधार होगा और किसानों को भी थोड़ा फायदा हो सकेगा. अब किसान बस इसी बात का इंतजार कर रहे हैं कि केंद्र सरकार आने वाले दिनों में क्या फैसला लेती है.