भारतीय अनार ने किया पहली बार समुद्री सफर, न्यूयॉर्क पहुंची 14 टन की खेप
भारत ने पहली बार न्यूयॉर्क को समुद्री मार्ग से 14 टन अनार की खेप भेजकर एक नई शुरुआत की है. आमतौर पर हवाई मार्ग से होने वाला यह निर्यात अब और भी किफायती और टिकाऊ बना दिया गया है.

कभी जिस अनार को जल्दी खराब हो जाने वाला फल माना जाता था, आज वही अमेरिका की धरती तक समुद्र के रास्ते भेजा गया है. जी हां, भारत ने पहली बार न्यूयॉर्क को समुद्री मार्ग से 14 टन अनार की खेप भेजकर एक नई शुरुआत की है. आमतौर पर हवाई मार्ग से होने वाला यह निर्यात अब और भी किफायती और टिकाऊ बना दिया गया है. इस उपलब्धि के पीछे किसानों, वैज्ञानिकों और निर्यात एजेंसियों की एकजुट मेहनत छुपी है.
समुद्र के रास्ते अनार की पहली यात्रा
अनार की यह खेप की शिपमेंट को APEDA, USDA-APHIS, NPPO और ICAR-राष्ट्रीय अनार अनुसंधान केंद्र (NRCP) के साझा प्रयासों से संभव बनाया गया. शिपमेंट में कुल 4,620 बक्से थे, जो पांच हफ्ते में न्यूयॉर्क पहुंचे और वहां इन्हें बेहतरीन गुणवत्ता के साथ हाथों-हाथ लिया गया.
60 दिन तक ताजा रहने वाला अनार
पहले जहां अनार की शेल्फ लाइफ 2-3 हफ्ते ही मानी जाती थी, वहीं अब वैज्ञानिकों की मदद से इसे 60 दिनों तक ताज़ा रखने में सफलता मिली है. इसके चलते समुद्री रास्ते से भेजना संभव हुआ. इससे न केवल लागत घटी, बल्कि भारतीय किसानों को वैश्विक मंडियों तक पहुंचने का बेहतर मौका मिला.
अब किसान होंगे ग्लोबल खिलाड़ी-एपीडा अध्यक्ष
APEDA अध्यक्ष अभिषेक देव ने इस पहल को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि अब भारतीय बागवानी उत्पाद वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बेहतर भूमिका निभा पाएंगे. समुद्री निर्यात की सफलता से किसानों की आमदनी बढ़ेगी और भारत अनार जैसे नाजुक फलों का भी प्रमुख निर्यातक बन सकेगा.
अनार निर्यात में 21% की सालाना बढ़ोतरी
वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने करीब 72,000 मीट्रिक टन अनार निर्यात किया, जिसकी कीमत लगभग 69 मिलियन अमेरिकी डॉलर रही. इस साल अब तक 21% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो दिखाता है कि भारतीय अनार की मांग तेजी से बढ़ रही है.
अमेरिका से आगे बढ़ेगा बाजार
अब तक भारत अपने अनार का अधिकतर हिस्सा UAE, नेपाल, बांग्लादेश, नीदरलैंड और सऊदी अरब को भेजता रहा है. अमेरिका जैसे बड़े बाजार में एंट्री से न केवल मांग बढ़ेगी, बल्कि भारतीय अनार को नया वैश्विक सम्मान मिलेगा.