भारत को मिला बड़ा मौका, अब चीन को भेजी जा सकती है सरसों खली
इस समय भारत में सरसों खली की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार की तुलना में बहुत कम है. भारत में कीमत लगभग 209 डॉलर प्रति टन है.

भारत के लिए एक सुनहरा मौका सामने आया है! यूरोपीय संघ में सरसों खली की कमी के कारण चीन, जो दुनिया का सबसे बड़ा खली उपभोक्ता है, अब भारत से इसकी आपूर्ति बढ़ा सकता है. भारत, जो पहले ही एक प्रमुख खली उत्पादक देश है, अब किफायती और गुणवत्ता में बेहतरीन खली के साथ चीन का भरोसेमंद सप्लायर बन सकता है.
चीन को चाहिए खली, लेकिन कहां से लाए?
चीन दुनियाभर में सरसों खली का एक बड़ा उपभोक्ता देश है. अभी तक वह कनाडा और यूरोपीय देशों से खली खरीदता रहा है, लेकिन अब यूरोपीय संघ में खली की भारी कमी हो गई है. ऐसे में चीन को एक नए भरोसेमंद सप्लायर की तलाश है और भारत इसके लिए पूरी तरह तैयार है.
भारत के लिए सुनहरा मौका
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) का मानना है कि अगर चीन ने सरसों खली पर लगे पुराने व्यापार प्रतिबंधों में थोड़ी ढील दी, तो भारत चीन का सबसे बड़ा खली सप्लायर बन सकता है. SEA का कहना है कि भारत के पास कीमत और आपूर्ति दोनों में बढ़त है.
भारत की खली क्यों है खास?
इस समय भारत में सरसों खली की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार की तुलना में बहुत कम है. भारत में कीमत लगभग 209 डॉलर प्रति टन है. जबकि विदेशों में कीमत करीब 335 डॉलर प्रति टन के आस पास है. इससे यह साफ है कि भारत की खली ज्यादा किफायती है और यह चीन जैसे बड़े बाजार को आकर्षित कर सकती है.
वैश्विक कीमतों को मिलेगी राहत
अगर भारत से चीन को खली का निर्यात शुरू होता है, तो इससे वैश्विक बाजार में भी कीमतें स्थिर हो सकती हैं. इससे न केवल भारत को मुनाफा होगा, बल्कि दुनिया को भी राहत मिलेगी.
कितना करता है भारत निर्यात?
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सरसों खली उत्पादक देश है और हर साल करीब 20 लाख टन खली का निर्यात करता है. लेकिन अभी चीन का हिस्सा भारत के कुल निर्यात में सिर्फ 1% से भी कम है. अब यह मौका भारत को अपनी खोई हुई हिस्सेदारी वापस दिला सकता है.