बिहार में किसानों के पास सोलर पावर प्लांट लगाने का मौका, 2 अप्रैल तक होगा रजिस्ट्रेशन
सरकार की मानें तो किसान चाहें तो अपनी जमीन पर सोलर प्लांट लगा सकते हैं या फिर लीज पर दे सकते हैं. एक मेगावॉट सोलर प्लांट के लिए करीब चार एकड़ की जमीन की जरूरत पड़ती है.

बिहार में प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) योजना का फायदा लेने वाले किसानों के लिए एक अच्छी खबर है. सरकार ने अब सोलर प्लांट की तारीख बढ़ा दी गई है. सरकार की कहना है कि सोलर पावर प्लांट की मदद से किसानों के खेती से जुड़े कामों को करने में आसानी रहेगी. इस योजना के तहत बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड की ओर से 962 विद्युत उपकेंद्रों से जुड़े कुल 3188 कृषि/मिश्रित फीडरों का सोलराइजेशन किया जा रहा है जिससे किसानों को पीएम कुसुम योजना का फायदा मिल सके.
किसानों को मिलेगी कितनी मदद
सरकार की मानें तो किसान चाहें तो अपनी जमीन पर सोलर प्लांट लगा सकते हैं या फिर लीज पर दे सकते हैं. एक मेगावॉट सोलर प्लांट के लिए करीब चार एकड़ की जमीन की जरूरत पड़ती है. योजना के तहत केंद्र सरकार की तरफ से एक मेगावॉट पर 1.5 करोड़ रुपये की मदद दी जाती है. जबकि राज्य सरकार इसके लिए प्रति मेगावॉट 45 लाख रुपये की मदद देगी. इसके अलावा सोलर प्लांट निर्माण के लिए सफल निवेदक को 12 महीने के अंदर सोलर प्लांट लगाकर इसे सबस्टेशन से कनेक्ट करना होगा. इस योजना के तहत एक बिजली खरीद समझौता भी होगा जिसके तहत वितरण कंपनी 25 सालों के लिए बिजली खरीदेगी.
कौन है योजना के योग्य
इस योजना का फायदा किसान, किसान समूह, सहकारिता, पंचायत, किसान उत्पादक संगठन, जल उपभोगकर्ता संघ और स्वंय सहायता संघ (SHG) बिना किसी तकनीकी या वित्तीय मानदंड के भाग ले सकते हैं.
कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन
किसानों को सिर्फ एक लाख रुपये प्रति मेगावॉट ईएमडी देना होगा.
किसानों को इस योजना का फायदा लेने के लिए https://eproc2.bihar.gov.in/ पर रजिस्ट्रेशन करें.
क्लास-3 डिजिटल सिग्नेचर, पैन कार्ड, ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर होना जरूरी है.
कॉन्ट्रैक्ट फीस: 590 टेंडर प्रोसेसिंग फीस, 11,800 रुपये बतौर टेंडर फीस, एक लाख मेगावॉट के लिए एडवांस बतौर बैंक गारंटी या डिमांड ड्राफ्ट के तौर पर जमा करना होगा.