चना किसानों के लिए बड़ा ऐलान, इंपोर्ट ड्यूटी..खरीद टारगेट और उत्पादन अनुमान जारी
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि इस बार चना की बंपर खेती की गई है और इसलिए उत्पादन भी खूब होने जा रहा है. किसानों को उचित दाम दिलाने के लिए इंपोर्ट ड्यूटी लगाई गई है.

रबी सीजन 2024-25 में किसानों ने जमकर चना की खेती की है. यही वजह है कि इस बार चना का बंपर उत्पादन भी होगा. कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा है कि इस बार 115 लाख मीट्रिक टन चना उत्पादन का अनुमान है. जबकि, केंद्र सरकार ने पहले ही करीब 38 लाख मीट्रिक टन चना खरीदने की घोषणा कर दी है. केंद्र ने चना आयात पर 10 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगा दी है. इससे बाहर से चना आयात पर रोक लगेगी और स्थानीय चना किसानों से खरीद बढ़ेगी. इस बार चना किसानों को 5650 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिलेगा.
चना का रकबा 3 लाख हेक्टेयर अधिक रहा
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार फरवरी 2025 तक रबी सीजन की फसलों का कुल रकबा 661.03 लाख हेक्टेयर से अधिक दर्ज किया गया है. यह रकबा बीते साल के बुवाई रकबे 651.42 लाख हेक्टेयर से लगभग 10 लाख हेक्टेयर अधिक है. इस रकबे में चना की खेती 98.55 लाख हेक्टेयर रही है, जो बीते साल के 95.87 लाख हेक्टेयर रकबे से करीब 3 लाख हेक्टेयर अधिक है. यानी किसानों ने इस बार चना की खेती ज्यादा की है.
115 लाख मीट्रिक टन उत्पादन अनुमान
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने आज 28 मार्च को बताया कि इस बार चना की बंपर खेती की गई है और इसलिए उत्पादन भी खूब होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां 2024-25 की कृषि उपज का जो अग्रिम अनुमान है. उसके अनुसार चने का उत्पादन 115 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा होगा. यह आंकड़ा पिछली बार 5 लाख मीट्रिक टन ज्यादा है. उन्होंने कहा कि पिछली बार चना का उत्पादन 110 लाख मीट्रिक टन हुआ था.
चना आयात पर 10 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगाई
कृषि मंत्री ने कहा कि जब फसल का उत्पादन बढ़ता है तो कीमतें घटने की प्रवृत्ति देखी जाती है. इससे किसानों को कम कीमत मिलने का डर रहता है. किसानों को उचित दाम मिले और उनके चना की खरीद हो, इसके लिए बाहर से खरीदे जाने वाले चने पर 10 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगा दी गई है. इससे इंपोर्ट होने वाला चना सस्ता ना आ पाए. इसलिए सरकार ने फैसला किया किसान को चने का दाम ठीक मिले.
5650 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगा चना का एमएसपी
कृषि मंत्री ने कहा कि बाहर से अगर चना आएगा और शून्य इंपोर्ट ड्यूटी होगी तो मात्रा अधिक आएगी और बाजार में रेट नीचे जाने की प्रवृत्ति जारी रहेगी. इसकी रोकथाम और किसानों की उपज की उचित दाम पर खरीद हो इसके लिए 10 फीसदी आयात शुल्क लगाने का निर्णय लिया गया है. इससे हमारे किसानों को ठीक दाम मिलने का रास्ता साफ हो गया है. इस बार चना किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी 5650 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है.
मसूर आयात पर 11 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार का मंत्र है, किसानों को उसके उत्पादन का ठीक दाम देना. इसलिए न केवल MSP घोषित की जाती है बल्कि खरीदने की भी उचित व्यवस्था की जाती है. अगर किसान के उत्पाद की कीमत घटती है तो हम अपनी आयात निर्यात नीति को भी किसान हितैषी बनाते हैं. अभी पिछले दिनों ही आयातित दाल मसूर हमारे यहां शून्य फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी पर आ रही थी. भारी मात्रा में मसूर आयात होने से बाजार में भाव गिर गए और किसानों को नुकसान होने लगा तो सरकार ने मसूर के आयात पर 11 फीसदी ड्यूटी लगा दी.
प्याज किसानों के लिए एक्सपोर्ट ड्यूटी शून्य की
उन्होंने कहा कि प्याज पर अभी अभी एक्सपोर्ट ड्यूटी जो पहले 40 फीसदी थी उसे घटाकर पहले 20 फीसदी की गई और उसे भी घटाकर अब शून्य फीसदी कर दी गई है. इससे किसानों का प्याज निर्यात होने में आसानी होगी और उन्हें उचित दाम मिलेगा. कृषि मंत्री ने कहा कि बासमती सहित बाकी चावल पर जो मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस लगा था उसे भी खत्म कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि किसान की खेती को हम फायदे का धंधा बनाएंगे. किसान के लाभ को दिलाने के लिए काम कर रहे हैं.