आने वाले दिनों में बढ़ेगी दाल की कीमतें? बफर स्टॉक में गिरावट से बढ़ी चिंता
तुअर यानी अरहर दाल की बात करें तो इसके स्टैंडर्ड स्टॉक 10 लाख मीट्रिक टन की तुलना में स्टॉक सिर्फ 35 हजार मीट्रिक टन ही बचा है. केंद्र सरकार ने समस्या से निबटने के लिए खरीद में तेजी लाने के संकेत दिए हैं.

आने वाले कुछ दिनों में दालों के दामों में भारी इजाफा हो सकता है. एक रिपोर्ट पर अगर यकीन करें तो दानों के बफर स्टॉक में तेजी से गिरावट हुई है. इस वजह से अंदेशा है कि दाल की कीमतें बढ़ सकती हैं. तुअर यानी अरहर दाल की बात करें तो इसके स्टैंडर्ड स्टॉक 10 लाख मीट्रिक टन की तुलना में स्टॉक सिर्फ 35 हजार मीट्रिक टन ही बचा है. कुछ ऐसा ही हाल मूंग, मसूर और चना दाल का भी है जिनके स्टॉक में भारी गिरावट देखी गई है. वहीं केंद्र सरकार ने समस्या से निबटने के लिए तुअर समेत बाकी दालों की खरीद में तेजी लाने के संकेत दिए हैं. गौरतलब है कि बाकी दालों की तुलना में अरहर दाल की खपत सबसे ज्यादा होती है. ऐसे में केंद्र एमएसपी पर किसानों से दालों की खरीद करने पर विचार कर रही है.
अरहर दाल की कीमतें क्यों हैं ज्यादा
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो साल से देश में तुअर दाल का उत्पादन कम हुआ है. इसकी वजह से इसकी कीमतें ज्यादा बनी हुई हैं. माना जा रहा है कि दामों पर नियंत्रण लगाने के लिए सरकार बफर स्टॉक बनाने और किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर तुअर दाल की खरीद में तेजी ला सकती है. कृषि मंत्रालय की मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत अब तक खरीद एजेंसियों ने 12,335 टन तुअर दाल खरीदी है. मंत्रालय ने दालों के लिए PSS के तहत साल 2024-25 सीजन के लिए 13.2 लाख मीट्रिक टन तुअर खरीद को मंजूरी दे दी है.
एमएसपी खरीद के लिए नेफेड तैयार
अधिकारियों की मानें तो दालों के लिए तय खरीद एजेंसियों नेफेड और एनसीसीएफ ने बफर स्टॉक को फिर से भरने के लिए खरीद में तेजी लाने की तैयारी कर ली है. एजेंसियों की तरफ से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र में तुअर की खरीद शुरू कर दी है. अरहर दाल का स्टॉक घटकर सिर्फ 35,000 मीट्रिक टन रह गया है. जबकि, मानक स्टॉक 10 लाख मीट्रिक टन होना चाहिए. तुअर दाल का मौजूदा स्टॉक का एक बड़ा हिस्सा आयात के जरिए बनाया गया था.
कीमतें एमएसपी के बराबर
महाराष्ट्र का लातूर वह जिला है जहां पर तुअर दाल का व्यापार सबसे ज्यादा होता है. 2024-2025 के सीजन के लिए यहां की मंडी में नई तुअर की कीमतें इस समय 7,550 प्रति क्विंटल की एमएसपी के बराबर हैं. इससे अलग पिछले दो सालों में कम उत्पादन के चलते मंडी की कीमतें 9,000 से 10,000 प्रति क्विंटल के बीच रही थीं, जो एमएसपी से काफी ज्यादा थीं. अधिकारियों का कहना है कि कि तुअर उत्पादन में गिरावट के चलते पिछले दो वर्षों में कीमतें एमएसपी से कम से कम 30 फीसदी ज्यादा थीं. इस वजह से एजेंसियों को 2022-23 और 2023-24 में पीएसएस के तहत दालों की खरीद करने से रोक दिया था.