तमिलनाडु के किसान क्यों करने लगे अरहर की खेती, क्या है बड़ी वजह
तमिलनाडु में तुअर दाल का उत्पादन भले ही होता है लेकिन राज्य उत्पादन के मामले में अभी भी कर्नाटक, महाराष्ट्र या मध्य प्रदेश जैसे बाकी राज्यों से काफी पीछे है.

जैसे-जैसे दालों की कीमत में इजाफा होता जा रहा है, वैसे ही वैसे किसान भी इनकी खेती की तरफ दिलचस्पी दिखाने लगे हैं. एक रिपोर्ट पर अगर यकीन करें तो तमिलनाडु के किसानों की रुचि पिछले एक साल में अरहर की खेती की तरफ बढ़ी है. यहां के किसान धान की खेती के अलावा अब तुअर या अरहर दाल की खेती के लिए भी आगे आ रहे हैं. पिछले साल जुलाई में जब वैगई डैम से पानी छोड़ा गया और बारिश भी लगातार हुई तो किसानों में अपनी फसल को लेकर उम्मीदें भी जगीं.
कीमतों में इजाफा बड़ी वजह
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार किसान तुअर दाल की खेती में भी दिलचस्पी दिखा रहे हैं क्योंकि अब इनकी कीमतें आसमान छू रही हैं. जुलाई 2024 से इस दाल की खेती के लिए उनका एक नया आकर्षण देखने को मिला है. उस समय पानी छोड़े जाने में देरी होने के कारण, ज्यादातर किसानों ने कुरुवई की फसल में दिलचस्पी नहीं दिखाई. लेकिन जुलाई के पहले हफ्ते में वैगई से 900 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद कल्लनदिरी और वाडीपट्टी में खेती जोरो पर शुरू की गई.
काला चना की खेती ज्यादा
कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो काला चना आम तौर पर पसंद की जाने वाली दाल है, जबकि तुअर दाल जुलाई के महीने में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों में से एक है. साल 2023 में मदुरै में तुअर दाल की खेती के लिए 1,700 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि का उपयोग किया गया था. किसानों का कहना है कि गुणवत्ता के आधार पर तुअर दाल का खुदरा बाजार मूल्य 180 रुपये – 200 रुपये प्रति किलोग्राम से ज्यादा है. साल 2023 में किसानों को 60 रुपये प्रति किलोग्राम से थोड़ा ज्यादा दाम मिला था.
क्यों बढ़ रही है रुचि
किसानों को कहना है कि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि बाजार में अच्छी मांग के बावजूद उन्हें अपनी फसल का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है. अगर किसानों को बेहतर मूल्य मिलते हैं, तो वे मदुरै में बड़े पैमाने पर तुअर दाल की खेती करना पसंद करेंगे. तमिलनाडु में तुअर दाल का उत्पादन भले ही होता है लेकिन राज्य उत्पादन के मामले में अभी भी कर्नाटक, महाराष्ट्र या मध्य प्रदेश जैसे बाकी राज्यों से काफी पीछे है. मदुरै जैसे कुछ जिलों में बढ़ती कीमतों के कारण तुअर दाल की खेती में रुचि बढ़ी है. तमिलनाडु में किसान तुअर दाल की बढ़ती बाजार कीमत के कारण इसे एक संभावित फसल के रूप में देखने लगे हैं.