किसानों को बड़ी राहत, CIBIL स्कोर पर बैंक फसल ऋण देने से मुकर नहीं सकते
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि बैंकों को कंपनियों की क्रेडिट जानकारी जैसे सिबिल स्कोर की रिपोर्ट पर विचार करना चाहिए. लेकिन बैंकों को सिर्फ सिबिल के आधार पर कर्ज देने से इनकार नहीं करना चाहिए.

किसानों को अब फसल पर कर्ज के लिए अपने सीबिल स्कोर पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. बैंक भले ही लोन मंजूर करते समय सीबिल स्कोर पर विचार कर सकते हैं. लेकिन किसानों को इसके आधार पर ऋण देने से मना नहीं किया जा सकता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी. उनकी इस जानकारी को किसानों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पिछले साल बतौर उप-मुख्यमंत्री राष्ट्रीयकृत बैंकों को इसी तरह की चेतावनी दी थी जो सिबिल स्कोर से जुड़ी थी.
फसल ऋण देने में बैंक करते आनाकानी
सदन में उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना के सांसद ओमप्रकाश राजेनिंबालकर ने वित्त मंत्री का ध्यान इस तरफ दिलाया था कि किसानों के लिए कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. बैंकों की तरफ से एक साल की अवधि वाले फसल ऋण और कोलैटरल के लिए कई तरह की वजहें बताई जाती हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के ऋण के लिए बैंक अनिच्छा जाहिर करते आए हैं. अब वह किसानों के सिबिल स्कोर को भी इसका आधार बनाने लगे हैं. ऐसे किसान जिनका सिबिल स्कोर कम है, बैंक उन्हें कर्ज देने से मना कर देते हैं. लोन के लिए बैंक कोलैटरेल भी लेने लगे हैं.
किसानों के लिए आसान होगा कर्ज
इस पर वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि बैंकों को कंपनियों की क्रेडिट जानकारी जैसे सिबिल स्कोर की रिपोर्ट पर विचार करना चाहिए. लेकिन आवंटन की प्रक्रिया में बैंकों को सिर्फ सिबिल के आधार पर कर्ज देने से इनकार नहीं करना चाहिए. वेबसाइट अग्रोवन की रिपोर्ट के अनुसार सांसद राजेनिंबालकर ने बताया कि किसानों से दो लाख से ज्यादा के फसल ऋण के लिए किसी भी तरह का कोलैटरेल नहीं मांगा जाएगा. साथ ही तीन लाख से ज्यादा के लोन पर किसी तरह की कोई प्रोसेसिंग फी, डॉक्यूमेंटेशन या फिर दूसरे चार्जेंस नहीं लगाए जाएंगे. ऐसे में किसानों के लिए कर्ज हासिल करना आसान हो जाएगा और उन्हें इसके लिए ज्यादा रकम अदा नहीं करनी पड़ेगी.
पिछले साल दी गई थी चेतावनी
पिछले वर्ष तत्कालीन डिप्टी सीएम फडणवीस ने नेशनलाइज्ड बैंकों को चेतावनी दी थी कि अगर उन्होंने खरीफ सीजन के लिए किसानों को फसल ऋण जारी करने के लिए सिबिल स्कोर अनिवार्य किया तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. खरीफ सीजन में किसानों को फसल ऋण को लेकर काफी समस्याएं थीं और इन्हें ही दूर करने के लिए तब सरकार ने यह बड़ा ऐलान किया था. वहीं उस समय राज्य के सीएम रहे एकनाथ शिंदे ने कहा था कि बैंकों को किसानों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए लचीला रुख अपनाना चाहिए. उन्हें उनकी समस्याओं का समाधान करने और फसल ऋण प्रदान करने के लिए आगे आना चाहिए.