एक ऊंटनी से साल में 6 लाख रुपये…सरकार भी दे रही 50 फीसदी सब्सिडी

ऊंट पालन से किसान कई लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं. क्योंकि, ऊंटनी का दूध औसतन 250-300 रुपये प्रति लीटर बिकता है. जबकि, सरकार ऊंट पालन पर पशुपालकों को सब्सिडी दे रही है.

एक ऊंटनी से साल में 6 लाख रुपये…सरकार भी दे रही 50 फीसदी सब्सिडी
Noida | Updated On: 7 Apr, 2025 | 03:21 PM

अगर आप किसान हैं और अपनी आय बढ़ाने के लिए कुछ नया करना चाहते हैं तो ऊंट पालन एक शानदार विकल्प हो सकता है. पहले यह काम ज्यादातर राजस्थान जैसे रेगिस्तानी इलाकों तक सीमित था, लेकिन अब देशभर के किसान इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं. इसकी वजह है ऊंट के दूध की बढ़ती मांग और पालन से होने वाला मुनाफा. खास बात यह है कि सरकार भी इस बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी के रूप में आर्थिक मदद दे रही है, जिससे किसानों का जोखिम कम हो जाता है.

कई लाख रुपये सालाना की कमाई

ऊंटनी का दूध बाजार में औसतन 250 – 300 रुपये प्रति लीटर की कीमत पर बिकता है. राजस्थान में नवंबर 2024 के दौरान पुष्कर में लगे मेले में आए ऊंट व्यापारियों का कहना था कि एक ऊंटनी रोजाना औसतन 5 लीटर तक दूध देती है. इस तरह देखा जाए तो 250 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से एक दिन में ऊंटनी के दूध से पशुपालक को 1250 रुपये तक की कमाई हो सकती है. अब इस कमाई को जोड़कर देखें तो महीने में 40 से 50 हजार रुपये तक कमाई बनती है. यानी एक ऊंटनी से साल भर में पशुपालक 6 लाख रुपये तक कमा सकता है. इसके अलावा ऊंट के बाल और चमड़े से भी कमाई की जा सकती है. जबकि, ऊंट का बच्चा भी पशुपालक के लिए एसेट की तरह होता है.

ऊंटनी के दूध में होते हैं ये अनूठे गुण

हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार ऊंटनी के दूध में विटामिन्स, मिनरल्स और प्रोटीन खूब होता है. इसके दूध को डायबिटीज मरीजों के लिए काफी फायदेमंद बताया गया है. साथ ही ऑटिज्म और इम्यूनिटी बढ़ाने में इसके फायदे वैज्ञानिक रूप से भी देखे गए हैं. देखा जाए तो इस समय शहरी इलाकों में ऊंटनी के दूध की मांग तेजसी से बढ़ रही है.

ऊंट पालन पर सरकार दे रही सब्सिडी

राजस्थान सरकार ऊंट पालकों को आर्थिक मदद दे रही है. जब ऊंटनी बच्चा देती है तो सरकार पालक को दो किश्तों में कुल 10 हजार रुपये देती है. इसके अलावा केंद्र सरकार की ‘नेशनल लाइवस्टॉक मिशन’ (राष्ट्रीय पशुधन मिशन) योजना के तहत ऊंट फार्म बनाने के लिए 50 फीसदी तक की सब्सिडी दी जाती है. इसका मतलब है कि अगर कोई किसान ऊंट पालन के लिए 1 लाख रुपये खर्च करता है, तो सरकार 50 हजार रुपये तक की मदद कर सकती है.

कानूनी नियम भी जान लें

हालांकि ऊंटों को एक राज्य से दूसरे राज्य में बेचने पर कुछ कानूनी पाबंदियां हैं. इसलिए उनकी खरीद-बिक्री पर कुछ सीमाएं हैं. ऊंट पालन शुरू करने से पहले पशु चिकित्सा विभाग या सरकारी पशु केंद्रों से ट्रेनिंग जरूर ले लेनी चाहिए.

Published: 7 Apr, 2025 | 02:06 PM

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