चारे का सही चयन जरूरी है, क्योंकि गलत चारा पशुओं के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है और दूध की क्वालिटी भी घटा सकता है.  

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उर्वरकों का अधिक उपयोग चारे में जहरीले तत्वों का निर्माण कर सकता है, जिससे पशु की सेहत प्रभावित हो सकती है.

धुरिन ज्वार के चारे में पानी की कमी या ज्यादा नाइट्रोजन के कारण बनती है, जिससे दूध की मात्रा घट सकती है और जान का खतरा भी बढ़ सकता है.  

ऑक्जेलेट बाजरा और नेपियर घास में पाया जाता है, जो पशुओं में खून की कमी और गुर्दों में पथरी जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है.  

नाइट्रेट जई के चारे में अत्यधिक उर्वरकों के इस्तेमाल से बनता है, जो पशुओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है.

सैपोनिन फलीदार चारे में पाया जाता है, जिससे पशुओं में अफरा और झाग जैसी परेशानियां हो सकती है. इससे पाचन में गड़बड़ी हो सकती है.  

संतुलित चारा दें, क्योंकि बहुत ज्यादा हरा चारा भी पशुओं की सेहत को बिगाड़ सकता है, जिससे दूध का उत्पादन भी घट सकता है.  

मौसम की नमी या बारिश के बाद चारे की स्थिति की जांच करना आवश्यक है, ताकि कोई जहरीला तत्व पशुओं को नुकसान न पहुंचाए.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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