गर्मी में पशुओं को दिन में 4-5 बार साफ और ठंडा पानी पिलाएं ताकि शरीर का तापमान नियंत्रित रहे और डिहाइड्रेशन से बचाव हो सके.

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दिन में 2-3 बार पशुओं के शरीर पर पानी का छिड़काव करना जरूरी है, इससे गर्मी से राहत मिलती है और हीट स्ट्रेस के खतरे को कम किया जा सकता है.

पशुओं को सूखी नहीं, बल्कि पानी में भिगोई हुई तूड़ी खिलाएं. इससे उनके शरीर में नमी बनी रहती है और डिहाइड्रेशन से बचाव होता है.

चारे में 70% हरा चारा और 30% सूखा चारा शामिल करें. हरा चारा शरीर में पानी की मात्रा बढ़ाने में मदद करता है और पशुओं को ठंडक देता है.

गर्मी के मौसम में सुबह और शाम पशुओं को नहलाना बहुत फायदेमंद है. इससे उनके शरीर का तापमान घटता है और वे तरोताजा रहते हैं.

पशुओं को ऐसी जगह रखें जहां सूरज की तेज धूप न पहुंचे. छायादार माहौल उन्हें हीट स्ट्रेस और लू से बचाने में मदद करता है.

जहां पशु बंधे हों वहां भी दिन में पानी का छिड़काव करें ताकि माहौल ठंडा बना रहे और पशुओं को राहत मिले.

भूख कम लगना, सुस्ती, गाढ़ा पेशाब और चमड़ी का सूखना डिहाइड्रेशन के संकेत हैं. इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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