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पेट फूला नजर आना और दस्त होना भी बकरी में पेट के कीड़े लगने के संकेतों में शामिल है. ऐसे में तुरंत इलाज बेहद जरूरी है.
बकरी के शरीर में खून की कमी, बाल झड़ना और गले में सूजन कीड़े लगने की पहचान है. ऐसे में जल्द से जल्द इलाज बेहद जरूरी है.
छह महीने से ऊपर की बकरियों को साल में दो बार कृमिनाशक दवा दें. पहली बरसात से पहले और दूसरी बार बरसात खत्म होने पर.
नीम और गिलोय की पत्तियां खिलाना बकरियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है. इससे पेट में कीड़े होने खतरा कम हो जाता है.
अमरुद, नीम और मोरिंगा के पत्तों का सेवन बकरियों के पाचन को दुरुस्त रखता है और कीड़ों से बचाता है.
बेकिंग सोडा बकरियों के पाचन तंत्र को मजबूत करता है और पेट के कीड़ों की रोकथाम में मददगार है. सप्ताह में एक बार इस्तेमाल करें.
गंदी घास खाने से बकरियों के पेट में कीड़े हो सकते हैं, खासकर छोटे बच्चों में. इसलिए साफ-सुथरी और पौष्टिक पत्तियों का ही चयन करें.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.