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नींबू का पौधा काली चिकनी मिट्टी में सबसे बेहतर तरीके से बढ़ता है. रेतीली या पीली मिट्टी में यह पौधा कमजोर हो जाता है.
जब पौधे में फूल आने लगें तो पानी देना सीमित कर दें. ज़्यादा पानी देने से फूल झड़ जाते हैं और फल बनने की संभावना घट जाती है.
नींबू के पौधे को रोज-रोज पानी देने की जरूरत नहीं होती. आप मिट्टी की ऊपरी सतह के सूखने के बाद ही पानी दें.
एक चम्मच दही को एक लीटर पानी में मिलाकर मिट्टी में डालें. यह पौधे के लिए बेहतरीन जैविक खाद का काम करता है.
अगर दही उपलब्ध न हो तो आप छाछ का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. छाछ में मौजूद गुड बैक्टीरिया मिट्टी को उपजाऊ बनाते हैं.
दही और छाछ दोनों ही नींबू के पौधे को फंगल इंफेक्शन और कीटों से बचाने में मदद करते हैं. इससे पौधे का विकास बेहतर होता है.
नींबू के पौधे को खुली धूप और ताज़ी हवा मिलनी चाहिए. ये दोनों चीज़ें उसके विकास और फल की गुणवत्ता के लिए जरूरी हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.